Diwali 2024 / भव्य तरीके से मनाई गई श्रीनगर के लाल चौक पर दिवाली, रोशनी से जगमगा उठा घंटाघर

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के लाल चौक पर पहली बार दिवाली भव्य रूप से मनाई गई। सैकड़ों स्थानीय लोग और पर्यटक दीप जलाने के लिए एकत्रित हुए, जिससे बाजार रोशनी से जगमगा उठा। गुजरात से आई रश्मि ने कहा, “यहां का माहौल अद्भुत है।” पूरे इलाके में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।

Vikrant Shekhawat : Nov 01, 2024, 08:17 AM
Diwali 2024: इस वर्ष दिवाली के अवसर पर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक लाल चौक पर पहली बार भव्य उत्सव का आयोजन हुआ। रोशनी के इस पर्व पर लाल चौक का घंटाघर और आसपास का पूरा क्षेत्र सैकड़ों दीयों और सजावट से जगमगा उठा, जिसमें स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। दिन के समय पर्यटकों से गुलजार लाल चौक पर रात होते ही दीयों और रोशनी की झिलमिलाहट ने विशेष उत्सव का माहौल बना दिया। अधिकारियों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया, क्योंकि पहली बार इस इलाके में इतने बड़े पैमाने पर दिवाली का भव्य समारोह मनाया गया।

अनूठे उत्सव का अद्भुत अनुभव

गुजरात से आई पर्यटक रश्मि ने कहा, “मैं यहां आकर बहुत खुश हूं। यहां का माहौल बहुत ही शानदार है और मैंने ऐसा दिवाली का उत्सव कहीं और नहीं देखा।” इसी तरह, पर्यटक मनीष ने भी कहा, “कश्मीर के लोगों का समर्थन देखकर हमारा दिल भर आया। यहां के लोगों ने हमारे उत्सव को अपनाया और मिलकर इसे मनाया।” इस उत्सव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था सख्त रही।

यह उत्सव एक बड़ा प्रतीकात्मक बदलाव है, क्योंकि लाल चौक एक समय अलगाववाद और पत्थरबाजी का केंद्र माना जाता था। ऐसे माहौल में इस तरह का सार्वजनिक उत्सव का आयोजन कश्मीर में शांति और समर्पण के नए युग की ओर एक सकारात्मक कदम है।

सेना के जवानों ने मनाई दिवाली

कश्मीर में तैनात भारतीय सेना के जवानों ने भी दिवाली को बड़े जोश के साथ मनाया। उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा के गुरेज सेक्टर में जवानों ने आतिशबाजी करते हुए दिवाली का आनंद लिया। यह दृश्य हर भारतीय के दिल को गर्व और आनंद से भरने वाला था। जवानों की दिवाली मनाने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब सराही जा रही हैं।

रोशनी के साथ खुशहाली का संदेश

श्रीनगर के लाल चौक पर हुए इस भव्य आयोजन ने कश्मीर में खुशियों और शांति का संदेश दिया है। पर्यटकों और स्थानीय निवासियों का एक साथ मिलकर दिवाली मनाना एकता और सद्भाव का प्रतीक बना। वर्षों तक संघर्षों का सामना कर चुके इस क्षेत्र में इस बार की दिवाली के अद्भुत नज़ारे ने वहां की जीवन्तता को एक नई पहचान दी है।