देश / PM मोदी ने दी युवा आईपीएस अधिकारियों को सलाह, 'सिंघम' की तरह ना करें दिखावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए युवा आईपीएस अधिकारियों को सलाह दी है कि 'सिंघम' की तरह फिल्मों से प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि कुछ पुलिसकर्मी पहले दिखावा करने में लग जाते हैं और पुलिसिंग के मुख्य पहलू की अनदेखी कर देते हैं। उन्होंने कहा, “कुछ पुलिसकर्मी जो नयी ड्यूटी पर पहुंचते हैं वह ‘सिंघम' जैसी फिल्मों को देखकर दिखावा चाहते हैं।

ABP News : Sep 05, 2020, 08:39 AM
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए युवा आईपीएस अधिकारियों को सलाह दी है कि 'सिंघम' की तरह फिल्मों से प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि कुछ पुलिसकर्मी पहले दिखावा करने में लग जाते हैं और पुलिसिंग के मुख्य पहलू की अनदेखी कर देते हैं। उन्होंने कहा, “कुछ पुलिसकर्मी जो नयी ड्यूटी पर पहुंचते हैं वह ‘सिंघम' जैसी फिल्मों को देखकर दिखावा चाहते हैं। लोगों को डराना चाहते हैं और असामाजिक तत्वों को मेरा नाम सुनकर ही कांपना चाहिए, यह उनके दिल और दिमाग पर छा जाता है और इसकी वजह से जिन कामों को किया जाना चाहिए वह पीछे छूट जाते हैं।”

सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में 2018 बैच के प्रोबेशनल्स आईपीएस अधिकारियों को ऑनलाइन संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को इन अधिकारियों को चेताया भी कि किसी तरह के गलत कृत्य में शामिल न हों।

कोरोना महामारी में पुलिस बलों की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान पुलिस का मानवीय चेहरा नजर आया और सुरक्षाकर्मियों ने सराहनीय काम किया। मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के समय पुलिस ने लोगों को जागरुक करने के लिये गाने गाए, गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया और मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि लोग इन दृश्यों के गवाह बने। कोरोना वायरस के दौरान, मानवता ने खाकी वर्दी के जरिये काम किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक प्रभावित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि माओं और बच्चों के साथ मिलकर महिला पुलिसकर्मी युवाओं को 'गलत रास्ते' पर जाने से रोक सकती हैं। उन्होंने आगे कहा, 'हमारी महिला पुलिस अधिकारी प्रभावी रूप से ऐसा कर सकती हैं। हमारा महिला बल माओं को शिक्षित करने में और उनके बच्चों को वापस लाने में प्रभावी रूप से काम कर सकता है। मुझे विश्वास है कि अगर आप शुरुआती चरण में ही ऐसा करते हैं तो हम अपने बच्चों को गलत रास्तों पर जाने से रोक सकते हैं।'