सुप्रीम कोर्ट / दुर्भाग्य या निर्णय में गलती के लिए डॉक्टर जिम्मेदार नहीं, 95.16 लाख रुपये हर्जाने की मांग वाली याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा, डॉक्टर अपनी ओर से उपलब्ध सर्वोत्तम चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं। एक डॉक्टर को सिर्फ इसलिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए क्योंकि दुर्भाग्य या उपचार का उचित तरीका न चुनने के कारण मामला बिगड़ गया और मरीज को बचाया नहीं जा सका।

Vikrant Shekhawat : Apr 21, 2022, 09:13 AM
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा, डॉक्टर अपनी ओर से उपलब्ध सर्वोत्तम चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं। एक डॉक्टर को सिर्फ इसलिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए क्योंकि दुर्भाग्य या उपचार का उचित तरीका न चुनने के कारण मामला बिगड़ गया और मरीज को बचाया नहीं जा सका।

जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अभय एस ओका की पीठ ने कहा, चिकित्सक केवल तभी उत्तरदायी होगा जब उसका आचरण उसके क्षेत्र में उचित रूप से सक्षम चिकित्सक के मानकों से नीचे हो। पीठ ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के फैसले के खिलाफ डॉ चंदा रानी अखौरी और अन्य की अपील को खारिज कर दिया।

आयोग ने आपरेशन के बाद लापरवाही के लिए एक नर्सिंग होम और उसके डॉक्टरों के खिलाफ 95.16 लाख रुपये हर्जाने के उनके दावे को खारिज कर दिया था। 1995 में किडनी प्रत्यारोपण के कुछ महीनों के भीतर ही उनके पति नवीन कांत की मृत्यु हो गई थी।

शीर्ष अदालत ने कहा, इस मामले में सभी पोस्ट ऑपरेटिव मेडिकल केयर प्रोटोकॉल मरीज को दिए गए थे। फिर भी उसकी स्थिति बिगड़ती गई और अंत में उसे बचाया नहीं जा सका, जो वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है   लेकिन नियति को जो स्वीकार्य है उसका कानूनी सहारा नहीं हो सकता।