देश / डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का मसौदा जारी, 3 सितंबर तक दे सकते हैं डाटा की सुरक्षा से जुड़े सुझाव

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) के तहत लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी गोपनीय जानकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मसौदा नीति तैयार की है। इसमें पंजीकृत हर व्यक्ति को एक मुफ्त हेल्थ आईडी मिलेगी, जिसकी मदद से वह अपनी पूरी जानकारी पर नियंत्रण कर सकेंगे।कोई भी निजी जानकारी सिर्फ व्यक्ति की अनुमति के बाद ही हासिल की जा सकेगी।

AMAR UJALA : Aug 27, 2020, 09:10 AM
Delhi: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) के तहत लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी गोपनीय जानकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मसौदा नीति तैयार की है। इसमें पंजीकृत हर व्यक्ति को एक मुफ्त हेल्थ आईडी मिलेगी, जिसकी मदद से वह अपनी पूरी जानकारी पर नियंत्रण कर सकेंगे।कोई भी निजी जानकारी सिर्फ व्यक्ति की अनुमति के बाद ही हासिल की जा सकेगी। इसके अलावा वह व्यक्ति अपनी जानकारी आगे साझा करने पर भी रोक लगा सकेगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एनडीएचएम की घोषणा की थी।

‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने लोगों के लिए ‘स्वास्थ्य आंकड़ा प्रबंधन नीति’ की मसौदा नीति को सार्वजनिक रूप से जारी किया है। इसे राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की सरकारी वेबसाइट पर डाला गया है और उस पर लोगों से 3 सितंबर तक राय मांगी गई है।

इसमें ‘व्यक्तियों के निजी एवं संवेदनशील आंकड़ों के सुरक्षित उपयोग/रखरखाव’ के लिए एक प्रारूप तैयार किया गया है। सरकार ने इस संबंध से जुड़े कानून और नियामकों के आधार पर न्यूनतम मानदंडों का एक प्रारूप पेश किया है।

एनएचए को ही एनडीएचएम की रूपरेखा तैयार करने और उसे अमलीजामा पहनाने का जिम्मा सौंपा गया है। मिशन के तहत लिए गए आंकड़े राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा हैं। इन आंकड़ों को केंद्र, राज्य या केंद्र शासित स्तर और स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में न्यूनता के सिद्धांत का पालन करते हुए संभालकर रखे जाएंगे।

एनएचए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंदू भूषण ने कहा, स्वास्थ्य आंकड़ा प्रबंधन नीति लोगों की जानकारी की सुरक्षा के लिए एनडीएचएम के ‘सुरक्षा एवं निजता डिजाइन’ को साकार करने की दिशा में पहला कदम है। उसमें आंकड़ा निजता, सहमति प्रबंधन, आंकड़ा साझा करने और सुरक्षा जैसे स्वास्थ्य आंकड़ों के विभिन्न पहलू हैं।