देश / डीआरडीओ व अन्य एजेंसियां ड्रोन रोधी तकनीक पर काम कर रही हैं: अमित शाह

जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले के कुछ दिनों बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) व अन्य एजेंसियां स्वदेशी ड्रोन रोधी तकनीक विकसित करने पर काम कर रही हैं। उन्होंने बीएसएफ के एक कार्यक्रम में कहा, "वर्ष 2022 तक सीमाओं पर फेंसिंग में कोई गैप नहीं रह जाएगा।"

Vikrant Shekhawat : Jul 18, 2021, 06:43 AM
नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के 18वें अलंकरण समारोह में शामिल हुए।  इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जिस देश की सीमाएं सुरक्षित हों, वह देश सुरक्षित है। आपने देखा ड्रोन भेजे जा रहे। सुरंगे बनवाई जा रही हैं, लेकिन हम इन चुनौतियों के लिए तैयार हैं। देश के खिलाफ की जा रही हर साजिश का करारा जवाब दिया जाएगा।

अमित शाह ने कहा कि पूरा देश जानता है कि आप सजग बनकर देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं, इसी कारण आज देश लोकतंत्र के अपनाए हुए विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। मैं उन लोगों को नमन करता हूं जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।  उन बलिदानियों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। 

हमें अपने जवानों पर भरोसा- अमित शाह

 अमित शाह ने कहा कि बीएसएफ और सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे जवानों ने आज भारत का नाम रोशन किया है। अर्धसैनिक बलों के दम पर भारत विश्व में अपनी छाप छोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा है। हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। मुझे अपने अर्धसैनिक बलों पर पूरा भरोसा है।

बांग्लादेश की आजादी में बीएसएफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई- अमित शाह

अलंकरण समारोह में गृह सचिव अजय भल्ला और खुफिया ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार भी मौजूद थे। अमित शाह ने बीएसएफ की स्थापना के बारे में बताया कि तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान ( अब बांग्लादेश ) में मानवाधिकारों का हनन हो रहा था। महिलाओं और बच्चों को प्रताड़ित किया जा रहा था। बीएसएफ के जवानों ने बांग्लादेश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।बीएसएफ के संस्थापक खुसरो फरामुर्ज रुस्तमजी की चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि रुस्तमजी के नेतृत्व में ऑपरेशन की अगुवाई की गई थी, जिसके बाद बांग्लादेश अलग मुल्क बना।