दिल्ली में सूखा ! / अगस्त में रिकॉर्ड 10 सालों की सबसे कम बारिश

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में अगस्त में अब तक सामान्य से 72 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है जो कि 10 वर्षों में सबसे कम है हालांकि मौसम विभाग ने रविवार और गुरुवार के बीच मध्यम से भारी बारिश का अनुमान जताया है इससे उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिल सकती है आपको बता दें कि न सिर्फ दिल्‍ली बल्कि आसपास भी अगस्‍त महीने में अब तक बहुत कम बारिश दर्ज की गई है

Vikrant Shekhawat : Aug 12, 2020, 09:35 PM

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department)के आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली (Delhi) में अगस्त में अब तक सामान्य से 72 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है जो कि 10 वर्षों में सबसे कम (Lowest In 10 Years) है. हालांकि मौसम विभाग ने रविवार और गुरुवार के बीच मध्यम से भारी बारिश का अनुमान जताया है. इससे उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिल सकती है. आपको बता दें कि न सिर्फ दिल्‍ली बल्कि आसपास भी अगस्‍त महीने में अब तक बहुत कम बारिश दर्ज की गई है.


सफदरजंग वेधशाला ने जारी किए आंकड़े

दिल्‍ली के लिए आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध कराने वाली सफदरजंग वेधशाला ने इस महीने अब तक केवल 31.1 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की है जबकि सामान्य बारिश का आंकड़ा 109.6 मिमी है. पालम मौसम केंद्र ने 55.6 मिमी वर्षा दर्ज की है, जो सामान्य 114.3 मिमी की तुलना में 51 प्रतिशत कम है. जबकि लोधी रोड वेधशाला ने 109.6 मिमी के सामान्य के मुकाबले सिर्फ 25.6 मिमी बारिश का अनुमान लगाया है जो 77 प्रतिशत कम है.


पिछले साल मौसम का रहा था ऐसा हाल

राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में पिछले वर्ष अगस्त के पहले 12 दिन में 37.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. शहर में 2018 में इसी अवधि में 56 मिमी, 2017 में 64 मिमी और 2016 में 41 मिमी बारिश हुई थी. इसी अवधि में 2015 में 110.6 मिमी बारिश हुई थी, तो 2014 में 120.5 मिमी बारिश दर्ज की गई थी.


जुलाई में हुई 12 फीसदी अधिक बारिश

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस साल जुलाई में दिल्ली में 236.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो कि सामान्य 210.6 मिमी से 12 प्रतिशत अधिक थी. जबकि पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के विशेषज्ञ महेश पलावत ने कहा कि शहर में अच्छी बारिश नहीं हुई, क्योंकि मानसून अक्ष रेखा में उतार-चढ़ाव बना रहा और यह दिल्ली-एनसीआर में अधिक समय तक नहीं रहा है.