पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी में पांच वर्ष बाद इबोला वायरस ने फिर से अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। दरअसल वर्ष 2016 के बाद पहली बार है जब गिनी में इबोला से अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
बता दें कि वर्ष 2013 में इबोला ने खतरनाक महामारी के रूप में दस्तक दी थी और 2016 तक यह कई देशों में फैल गई। इस वायरस से लगभग 11 हजार 300 लोगों की मौत हो गई थी।
गिनी के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इबोला से चार लोगों की मौत का मामला नजेरेकोरे इलाके का है। जान गंवाने वालों में एक नर्स भी शामिल है जो जनवरी के आखिर में बीमार पड़ी थी।
नर्स के अंतिम संस्कार में जाने वाले आठ लोगों में इबोला के लक्षण मिले थे। इनमें से तीन लोगों की मौत हो गई है और चार लोगों का हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। वर्ष 2016 में वैक्सीन आने के बाद से विश्व स्वास्थ्य संगठन इबोला महामारी पर अपनी नजर बनाए हुए है। हाल ही में कॉन्गो में भी इबोला के मामले सामने आए थे जिसे डब्ल्यूएचओ ने अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया था।
बता दें कि वर्ष 2013 में इबोला ने खतरनाक महामारी के रूप में दस्तक दी थी और 2016 तक यह कई देशों में फैल गई। इस वायरस से लगभग 11 हजार 300 लोगों की मौत हो गई थी।
गिनी के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इबोला से चार लोगों की मौत का मामला नजेरेकोरे इलाके का है। जान गंवाने वालों में एक नर्स भी शामिल है जो जनवरी के आखिर में बीमार पड़ी थी।
नर्स के अंतिम संस्कार में जाने वाले आठ लोगों में इबोला के लक्षण मिले थे। इनमें से तीन लोगों की मौत हो गई है और चार लोगों का हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। वर्ष 2016 में वैक्सीन आने के बाद से विश्व स्वास्थ्य संगठन इबोला महामारी पर अपनी नजर बनाए हुए है। हाल ही में कॉन्गो में भी इबोला के मामले सामने आए थे जिसे डब्ल्यूएचओ ने अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया था।