Entertainment / ईशा गुप्ता ने बताया इंडस्ट्री का कड़वा सच, गोरा बनाने वाले प्रोडक्ट के एड को लेकर झेलनी पड़ी थी मुसीबत

‘आश्रम 3’ में ईशा गुप्ता के बोल्ड सीन की इन दिनों खूब चर्चा है। वेब सीरीज में उन्होंने बॉबी देओल के साथ इंटीमेट सीन दिए। सोशल मीडिया पर ईशा काफी एक्टिव हैं और अपनी ग्लैमरस तस्वीरें शेयर करती रहती हैं। उन्होंने पहले भी बताया है कि किस तरह इंडस्ट्री में सर्जरी से लेकर बॉडी लुक्स को लेकर तमाम तरह के सलाह दी जाती है।

Vikrant Shekhawat : Jun 26, 2022, 05:54 PM
MH: ‘आश्रम 3’ में ईशा गुप्ता के बोल्ड सीन की इन दिनों खूब चर्चा है। वेब सीरीज में उन्होंने बॉबी देओल के साथ इंटीमेट सीन दिए। सोशल मीडिया पर ईशा काफी एक्टिव हैं और अपनी ग्लैमरस तस्वीरें शेयर करती रहती हैं। उन्होंने पहले भी बताया है कि किस तरह इंडस्ट्री में सर्जरी से लेकर बॉडी लुक्स को लेकर तमाम तरह के सलाह दी जाती है। अब ईशा ने बताया कि उनके सांवले रंग की वजह रोल नहीं मिलते लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी में इसे स्वीकार किया। उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ इसे अपनाया। 

आउटसाइडर्स के लिए मुश्किलें

शोबिज इंडस्ट्री में काम पाना और फिर यहां टिकना इतना भी आसान नहीं है। खासकर जब इंडस्ट्री से दूर-दूर तक कोई ताल्लुक नहीं हो।ई-टाइम्स से बात करते हुए ईशा गुप्ता  कहती हैं, ‘एक वक्त था जब मैं सोचती थी काश मैं इडंस्ट्री से होती। मैं जानती हूं तब मैं इन सबका सामना नहीं करती। जब आप इंडस्ट्री से होते हैं तो आप फ्लॉप भी दे दें तो यह कोई बड़ी बात नहीं होगी क्योंकि आपके पास अभी भी एक और फिल्म होगी। मुझे याद है जब मेरी पहली फिल्म फ्लॉप हुई थी तो मैं बहुत डरी हुई थी। मैंने अपनी पसंद के लिए खुद को दोष देना शुरू कर दिया। मुझे लगा कि अब यह खत्म हो गया है और मेरे पास काम नहीं होगा लेकिन फिर मैंने काफी समय बाद खुद को संभाला और काम करती रही, पैसा कमाती रही। फिर आपको अहसास होता है यही जिंदगी है। 

आपबीती की शेयर

अपने सावंले रंग को लेकर ईशा ने इंडस्ट्री में अपने अनुभवों के बारे में कहा, ‘असल में यह एक ब्रांड कॉन्ट्रैक्ट के दौरान हुआ था। वह मेरी और मेरी एक्स-एजेंसी की गलती थी। हमने ठीक से कॉन्ट्रैक्ट को पढ़ा नहीं जिसमें कहा गया था कि व्हाइटनिंग और ब्राइटनिंग प्रोडक्ट्स। अगर मैं अपने चेहरे पर खीरा लगाऊं या रोज सही खाना खाऊं तो मेरे चेहरे की चमक पर फर्क पड़ेगा लेकिन ब्रांड ने मुझ पर मुकदमा करने का फैसला किया क्योंकि मैं त्वचा को गोरा करने वाले उनके उत्पादों का समर्थन करने के लिए तैयार नहीं थी।‘ 

आज भी लोगों की ऐसी सोच

‘तब मुझे अहसास हुआ कि हम एक ऐसे देश से आते हैं जहां यह समस्या है। कुछ भारतीयों की मानसिकता है जहां हम गोरे लोगों को ऊपर समझते हैं। अमेरिकी इससे लड़ रहे हैं। उन्हें लगता है कि जो सांवले रंग का है वो गुलाम होने के लिए होते हैं और जो गोरे हैं उन्हें भगवान ने शासन करने के लिए बनाया है।‘


विदेश में होती है तारीफ

ईशा ने आगे कहा, ‘भारत में यह समस्या बहुत पुरानी है। हमारा मानना है कि गोरी त्वचा बेहतर होती है, गोरी लड़कियां सुंदर होती हैं, गोरे लोग अपना रास्ता बनाते हैं। हम अपने विज्ञापनों में भी यही दिखाते हैं। तुम एक क्रीम लगाओ और लड़का तुम्हें स्वीकार कर लेगा। आप क्रीम लगाएं और आपको ड्रीम जॉब मिल जाएगी लेकिन जब आप अपनी इंडियन स्कीन की टोन के साथ बिना मेकअप के अपने असली चेहरे के साथ विदेश में या यूरोप जाते हैं तो वहां के लोग कहेंगे कि आप सबसे खूबसूरत हैं।