News18 : May 28, 2020, 04:46 PM
यूरोपियन यूनियन: (European Union) की सरकारों ने बुधवार को कोरोना वायरस (Coronavirus) के इलाज में इस्तेमाल हो रहे एंटी मलेरिया (Anti Malaria) की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) को बैन कर दिया है। इसके साथ ही इस दवा को लेकर दूसरा ग्लोबल ट्रॉयल भी रोक दिया गया है।
इस दवा के इस्तेमाल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काफी प्रोत्साहित किया था। कोरोना के इलाज में इस दवा के इस्तेमाल के उनकी उम्मीदों को भी झटका लगा है।एंटी मलेरिया दवा बैन करने वाले देशों में फ्रांस, इटली और बेल्जियम जैसे देश शामिल हैं। इसके पहले सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के बड़े पैमाने पर ट्रॉयल पर रोक लगा दी थी। ऐसा सुरक्षा के नजरिए से किया गया था।यूके में भी रोका गया ट्रायलयूके के एक रेग्यूलेटर ने कहा है कि बुधवार को एक अलग ट्रायल को भी रोक दिया गया। एक हफ्ते पहले ही इसे शुरू किया गया था। इस स्टडी को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड चला रही थी, जिसे बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन का फंड भी मिल रहा था। इस स्टडी से करीब 40 हजार वर्कर्स जुड़े थे।रॉयटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक द मेडिसीन एंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी की तरफ से कहा गया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर सभी तरह के ट्रायल का रिव्यू किया जाएगा। जांचकर्ता इसके जरिए पैदा होने वाले खतरे की भी जांच करेंगे।
कोरोना से जूझ रहे देशों के सामने इलाज को लेकर संकटहाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर नए फैसले की वजह से महामारी से जूझ रहे देशों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। उनके सामने कोरोना वायरस के इलाज का विकल्प नहीं है। वो इस बात से जद्दोजहद कर रहे हैं कि कोरोना के मरीजों का इलाज किस तरह से किया जाए।कुछ शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ने कोरोना वायरस के मरीजों पर काम किया था। इसके बाद कई देशों ने अपने यहां मरीजों के इलाज में इस दवा के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस दवा के बड़े समर्थक रहे हैं। उन्होंने इस दवा को गेमचेंजर बताया था। उन्होंने यहां तक कहा था कि संक्रमण से बचने के लिए वो खुद इस दवा का सेवन कर रहे हैं।लेकिन हाल में हुई कुछ स्टडी में इस दवा को लेकर काफी खतरे बताए गए हैं। ब्रिटेश मेडिकल जर्नल लैंसेट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना के मरीजों की जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। दवा के इस्तेमाल के बाद उनकी दिल की धड़कने अनियंत्रित देखी गई हैं।
इस दवा के इस्तेमाल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काफी प्रोत्साहित किया था। कोरोना के इलाज में इस दवा के इस्तेमाल के उनकी उम्मीदों को भी झटका लगा है।एंटी मलेरिया दवा बैन करने वाले देशों में फ्रांस, इटली और बेल्जियम जैसे देश शामिल हैं। इसके पहले सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के बड़े पैमाने पर ट्रॉयल पर रोक लगा दी थी। ऐसा सुरक्षा के नजरिए से किया गया था।यूके में भी रोका गया ट्रायलयूके के एक रेग्यूलेटर ने कहा है कि बुधवार को एक अलग ट्रायल को भी रोक दिया गया। एक हफ्ते पहले ही इसे शुरू किया गया था। इस स्टडी को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड चला रही थी, जिसे बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन का फंड भी मिल रहा था। इस स्टडी से करीब 40 हजार वर्कर्स जुड़े थे।रॉयटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक द मेडिसीन एंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी की तरफ से कहा गया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर सभी तरह के ट्रायल का रिव्यू किया जाएगा। जांचकर्ता इसके जरिए पैदा होने वाले खतरे की भी जांच करेंगे।
कोरोना से जूझ रहे देशों के सामने इलाज को लेकर संकटहाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर नए फैसले की वजह से महामारी से जूझ रहे देशों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। उनके सामने कोरोना वायरस के इलाज का विकल्प नहीं है। वो इस बात से जद्दोजहद कर रहे हैं कि कोरोना के मरीजों का इलाज किस तरह से किया जाए।कुछ शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ने कोरोना वायरस के मरीजों पर काम किया था। इसके बाद कई देशों ने अपने यहां मरीजों के इलाज में इस दवा के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस दवा के बड़े समर्थक रहे हैं। उन्होंने इस दवा को गेमचेंजर बताया था। उन्होंने यहां तक कहा था कि संक्रमण से बचने के लिए वो खुद इस दवा का सेवन कर रहे हैं।लेकिन हाल में हुई कुछ स्टडी में इस दवा को लेकर काफी खतरे बताए गए हैं। ब्रिटेश मेडिकल जर्नल लैंसेट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना के मरीजों की जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। दवा के इस्तेमाल के बाद उनकी दिल की धड़कने अनियंत्रित देखी गई हैं।