Vikrant Shekhawat : Mar 21, 2021, 08:17 PM
मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के एक पत्र ने महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मचा दिया है। परमबीर सिंह के पत्र में गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जो गंभीर आरोप लगे हैं, उस पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सरकार का पक्ष रखा तो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पवार की बातों को हैरान कर देने वाला बताया। देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि शरद पवार की बातें हैरान करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि जब तक अनिल देशमुख का इस्तीफा और इस पूरे मामले की जांच नहीं होती तब तक भाजपा का आंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा। फडणवीस ने कहा कि सचिन वाजे को लेकर रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। उन्होंने शरद पवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो पूरा सच नहीं बोल रहे हैं।देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि परमबीर सिंह से पहले महाराष्ट्र के डीजी सुबोध जायसवाल ने पुलिस स्थानांतरण पर भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक रिपोर्ट सौंपी थी। लेकिन सीएम ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। यही वजह रही कि सुबोध जायसवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। देवेंद्र फडणवीस ने शरद पर तंज कसते हुए कहा कि पवार ने इस पार्टी का बनाया है, इसलिए वो इसे बचा भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की अनुमति के बाद ही सचिन वाजे को दोबारा पुलिस सेवा में बहाल किया गया था। उन्होंने कहा कि शरद पवार सच्चाई दूर भाग रहे हैं। भाजपा का आरोप: महाराष्ट्र में चल रहा है 'ऑपरेशन लूटवहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने उद्धव सरकार को खूब घेरा। उन्होंने पूछा कि सचिन वाजे को किसके दबाव में लाया गया? शिवसेना के सीएम के या फिर शरद पवार के?प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने एक चिट्टी लिखी है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल जी को, जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सचिन वाजे से कहा कि हमें 100 करोड़ रुपये महीना बंदोबस्त करके दो।उन्होंने आगे कहा, 'सचिन वाजे वर्षों तक सस्पेंड था, वर्षों के बाद उसको कोरोना काल में अप्वाइंट कराया गया और कहा गया कि कोरोना में पुलिस वाले बीमार पड़ रहे हैं इसलिए इनको लिया जा रहा है। भाजपा की तरफ से पहला सवाल यह है कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई?'कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह भ्रष्टाचार का मामला नहीं है। यह ऑपरेशन लूट का है। उन्होंने कहा कि रंगदारी एक अपराध है और अगर इस मामले में शरद पवार को ब्रीफ किया जा रहा है तो सवाल उठता है कि शरद पावर जब सरकार में नहीं है तो उन्हें किस बिनाह पर ब्रीफ किया जा रहा है और एक सवाल यह भी उठता है कि शरद पवार ने अपने स्तर पर क्या कार्रवाई की? इस अपराध को रोकने के लिए और इस अपराध की छानबीन की।उन्होंने कहा कि शरद पवार की खामोशी सवाल उठाती है। साथ ही उद्धव ठाकरे की शांति और सदन के अंदर और बाहर सचिन वाजे को डिफेंड करना। सचिन की हैसियत एक एएसआई है, जिसे क्राइम सीआईडी का चार्ज दिया गया है। यह अपने आप में आश्चर्य की बात है।प्रसाद ने आगे कहा कि एक तरफ सीएम डिफेंड करता है, दूसरी तरफ होम मिनिस्टर कहता है कि मुझे 100 करोड़ लाकर दो। यह काफी गंभीर मसला है। इस मामले की गंभीर और ईमानदार जांच जरूरी है। इस मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच जरूरी है क्योंकि इसमें शरद पवार की भूमिका सामने आएगी और मुंबई पुलिस की भूमिका भी सामने आएगी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से कई सवाल किए जा सकते हैं।