Tariff War / क्या ट्रंप लगा पाएंगे 'टैरिफ की फसल'? चीनी, मीट, शराब पर पड़ेगा असर!

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित ‘जवाबी टैरिफ’ से वैश्विक व्यापार प्रभावित हो सकता है. भारत, जो अमेरिका के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध रखता है, इन टैरिफ्स के प्रभावों का आकलन कर रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, इसका सबसे अधिक असर भारतीय कृषि उत्पादों पर पड़ सकता है, जिससे निर्यात प्रभावित होगा.

Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित ‘जवाबी टैरिफ’ (Reciprocal Tariffs) ने वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। भारत, जो अमेरिका के साथ घनिष्ठ व्यापारिक संबंध रखता है, इन टैरिफ्स के प्रभावों का आकलन कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, इन टैरिफ्स का सबसे अधिक असर भारतीय कृषि और खाद्य उत्पादों पर पड़ सकता है, जिससे भारतीय निर्यातकों को नुकसान हो सकता है।

अमेरिकी टैरिफ: व्यापार संतुलन की नई रणनीति?

अमेरिका द्वारा नए टैरिफ लगाने का उद्देश्य अपने बाजार में आयातित उत्पादों की प्रतिस्पर्धा को संतुलित करना है। अमेरिकी सरकार का मानना है कि मौजूदा व्यापारिक असंतुलन को दूर करने के लिए ये कदम आवश्यक हैं। भारत के कृषि उत्पादों, विशेषकर शराब, मीट, चीनी, और समुद्री खाद्य पदार्थ, इन नीतियों से अधिक प्रभावित हो सकते हैं।

भारत-अमेरिका कृषि व्यापार: असंतुलन और विवाद

भारत और अमेरिका के बीच हर साल 17 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होता है, जिसमें भारत अमेरिका को 9 लाख करोड़ रुपये का निर्यात करता है। कृषि व्यापार के संदर्भ में, भारत हर साल अमेरिका को लगभग 43,000 करोड़ रुपये के उत्पाद निर्यात करता है, जबकि अमेरिका भारत को मात्र 13,760 करोड़ रुपये के कृषि उत्पाद भेजता है।

अमेरिकी कृषि उत्पादों को भारी सब्सिडी मिलती है, जिससे वे भारतीय बाजार में सस्ते दामों पर प्रवेश कर सकते हैं। भारत में कृषि लगभग 70 करोड़ लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत है। यदि भारतीय बाजार में अमेरिकी कृषि उत्पादों की पहुंच आसान होती है, तो यह भारतीय किसानों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

किन सेक्टर्स पर पड़ेगा सबसे अधिक असर?

  1. शराब: भारतीय व्हिस्की और अन्य मादक पेय अमेरिका में लोकप्रिय हैं, लेकिन नए टैरिफ से इनकी कीमत बढ़ सकती है।

  2. मीट: भारतीय मीट, विशेषकर बकरी और भेड़ का मांस, अमेरिका को निर्यात किया जाता है। उच्च टैरिफ से इसकी मांग प्रभावित हो सकती है।

  3. चीनी: अमेरिका भारतीय चीनी का एक प्रमुख आयातक है। टैरिफ बढ़ने से निर्यातकों को नुकसान होगा।

  4. सीफूड: भारतीय समुद्री उत्पाद, जैसे झींगे और मछली, अमेरिकी बाजार में लोकप्रिय हैं, लेकिन टैरिफ बढ़ने से प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो सकती है।

  5. मसाले, चाय और कॉफी: भारतीय मसाले, चाय, और कॉफी जैसे कृषि उत्पाद भी टैरिफ वृद्धि से प्रभावित हो सकते हैं।

भारत की रणनीति: संतुलित समाधान की तलाश

भारत ने इस व्यापारिक चुनौती से निपटने के लिए एक संतुलित रणनीति अपनाने की बात कही है। सरकार ने संकेत दिया है कि वह स्थानीय किसानों और उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में इन मुद्दों पर गहन चर्चा जारी है।