विदेश / एफडीए ने अमेरिकी वयस्कों के लिए मॉडर्ना व फाइज़र की कोविड-19 बूस्टर डोज़ को दी मंज़ूरी

अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने सभी वयस्कों के लिए मॉडर्ना व फाइज़र-बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन की सिंगल बूस्टर डोज़ के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी है। एफडीए द्वारा प्रमाणित कोविड-19 वैक्सीन से प्राथमिक टीकाकरण के बाद बूस्टर डोज़ लग सकेगी। सीडीसी की ऐडवाइज़री कमिटी ऑन इम्युनाइज़ेशन प्रैक्टिसेज़ आगे की क्लीनिकल सिफारिशों पर चर्चा के लिए बैठक करेगी।

Vikrant Shekhawat : Nov 20, 2021, 11:09 AM
वॉशिंगटन. कोरोना महमारी (Corona Pandemic) से लोगों को बचाने के लिए अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है. शुक्रवार को अमेरिका ने 18 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए कोविड वैक्सीन के बूस्टर डोज (Corona Vaccine Booster Dose) को मान्यता दे दी है. वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर (Pfizer) और मॉडर्ना (Moderna) की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में इस बात की पुष्टि की गई है. मॉडर्ना के सीईओ स्टीफन बैंसेल ने कहा, ‘वैक्सीन के बूस्टर डोज को आपातकालीन उपयोग की मान्यता महत्वपूर्ण समय पर मिली है, क्योंकि जल्द ही सर्दियों का महीना आने वाला है और ऐसे समय में देशभर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ सकती है.’

एफडीए आयुक्त जेनेट वुडकॉक ने कहा, यह निर्णय से कोविड -19 से अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों और मृत्यु दर को रोकने में काफी मददगार साबित होगा. एफडीए की ओर से जारी किए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह फैसला वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले सैकड़ों लोगों की मजबूत इम्यूनिटी के डेटा पर आधारित है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, फाइजर की वैक्सीन का 30 माइक्रोग्राम लगाया जाएगा, जो कि पहले लग चुकी डोज के समान है, जबकि मॉडर्न का 50 माइक्रोग्राम है, जो पहली डोज का आधा है लेकिन एफडीए द्वारा इसका उल्लेख नहीं किया गया था, क्योंकि इसका निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग किया गया था.

बूस्टर डोज पर क्या कहता है शोध

एक शोध के मुताबिक पता चला है कि अगर किसी को कोरोना की दोनों डोज लगी हैं, अगर वह बूस्टर डोज ले लेता है तो उसे संक्रमण होने की दर कम है. बूस्टर डोज को कोरोना के सबसे खतरनाक वेरिएंट डेल्टा पर भी काफी प्रभावी पाया गया है. दवा निर्माता कंपनियों ने बताया कि शोध में शामिल छह साल या उससे अधिक उम्र के 10,000 प्रतिभागियों में इसका परीक्षण किया गया था और कोरोना से जुड़ी बीमारियों के खिलाफ यह बूस्टर डोज 95.6 फीसदी प्रभावशाली देखा गया.

इन प्रतिभागियों में डेल्टा वैरिएंट के लक्षण वाले व्यक्ति भी शामिल थे. अध्ययन के मुताबिक बूस्टर डोज लोगों की सुरक्षा को लेकर काफी अनुकूल है.