News18 : May 16, 2020, 05:27 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister of India Narendra Modi) द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के चौथी किस्त की विस्तृत जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) ने एविएशन, कोल और पावर सेक्टर में बड़े सुधार का ऐलान किया। आइए जानें इसके बारे में।।।
(1) निजी सेक्टर ISRO की सुविधाएं ले सकेंगे-स्पेस के क्षेत्र में भारत ने बीते कई साल में अच्छा काम किया है। निजी क्षेत्र को इसमें भागीदार बनने का अवसर दिया जाएगा। निजी सेक्टर इसरो की सुविधाएं ले सकेंगे। नए ग्रहों की खोज या अंतरिक्ष यात्रा में निजी क्षेत्र बढ़कर आगे आए, यह हमारा प्रयास रहेगा।(2) सामाजिक बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। 30 फीसदी केंद्र और 30 फीसदी राज्य सरकारें वायबिलिटी गैप फंडिंग में देंगी। लेकिन शेष क्षेत्र में 20—20 फीसदी ही रहेगा। इसके लिए लगभग 8100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।(3) सिविल एविएशन को बढ़ावा देने पर सरकार का फोकस होगा। एयरलाइंस की लागत कम करने पर जोर देंगे। ज्यादा एयर स्पेस खोलने की योजना पर काम जारी है। PPP के जरिए 6 नए एयरपोर्ट की नीलामी की जाएगी। इंडियन एयर स्पेस का इस्तेमाल आसान बनाया जाएगा। एयरपोर्ट नीलामी प्रक्रिया जल्द शुरू करेंगे। इंडियन एयर स्पेस का सिर्फ 60 फीसदी इस्तेमाल जारी है। इंडियन एयर स्पेस के इस्तेमाल से रोक हटाएंगे। सरकार का भारत को एयरक्राफ्ट रिपेयर हब बनाने पर जोर होगा। हम एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस का ग्लोबल हब बन सकते हैं। विमानों की MRO सुविधा देश में ही डेवलप होगी।(4) बताए बिना कट जाती है तो कंपनी पर जुर्माना लगेगा- पावर सेक्टर में कुछ बदलाव होंगे। उपभोक्ताओं को उनके अधिकार, पर्याप्त बिजली होगी, बिजली कंपनियों का नुकसान उपभोक्ता को नहीं झेलनी पड़ेगी। बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। पावर जेनरेशन कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इनका चयन भी उसी आधार पर होगा, जिससे कि वो अच्छी सुविधाएं दे सके। यूनियर टेरेटेरी में पावर डिस्कॉम का निजीकरण पहले होगा। बताए बिना कट जाती है तो कंपनी पर जुर्माना लगेगा(5) डिफेंस में FDI सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करेंगे-सरकार का डिफेंस प्रोडक्शन पर खास जोर होगा। डिफेंस सेक्टर में मेक इन इंडिया पर फोकस होगा। डिफेंस सेक्टर के हथियारों की लिस्ट तैयार होगी। डिफेंस उपकरणों का स्वदेशीकरण किया जाएगा। डिफेंस उपकरणों को देश में बनाने की पहल होगी। चुनिंदा हथियारों की खरीद सिर्फ सरकार करेगी। कुछ डिफेंस प्रोडक्ट के इंपोर्ट पर रोक लगेगी। इससे डिफेंस इंपोर्ट में कमी लाने में मदद मिलेगी। हथियारों को लेकर विदेशों पर निर्भरता घटेगी। इंपोर्ट न करने वाले हथियारों की लिस्ट बनेगी । डिफेंस में FDI सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करेंगे।ऑटोमेटिक रूट से डिफेंस में FDI सीमा बढ़ेगी।(6) मिनरल सेक्टर में ग्रोथ, रोजगार बढ़ाने पर जोर है। इस सेक्टर में स्ट्रक्चरल रिफार्म किए जाएंगे और स्टेट ऑफ द आर्ट की तकनीक इस्तेमाल होगी। 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी की जाएगी। मिनरल सेक्टर में निजी निवेश बढ़ाया जाएगा।(7) कोल सेक्टर के लिए बड़े रिफॉर्म-सरकार की कोल सेक्टर के लिए बड़े रिफॉर्म की योजना है। कमर्शियल कोल माइनिंग को बढ़ावा देंगे। कोल सेक्टर में कमर्शियल माइनिंग का एलान किया जाएगा। कोल को गैस में कनवर्ट करने पर इंसेंटिव दिया जाएगा। कोल सेक्टर के लिए बड़े रिफॉर्म की योजना है। कोल पर अब सरकार की MONOPOLY नहीं रहेगी। रेवेन्यू शेयरिंग बेसिस से कोल का रिफॉर्म होगा। कोल इंफ्रा के लिए 50,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। कोयला निकालने पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। कोल सेक्टर में कमर्शियल माइनिंग का एलान किया जाएगा। 50 नए कोल ब्लॉक तत्काल उपलब्ध कराए जाएंगे। कोल के गैसिफिकेशन के लिए इंसेंटिव देंगे।(8) विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए -फॉस्टट्रैक निवेश के लिए एम्पावर्ड गुप का गठन किया गया है। प्रत्येक मंत्रालय में सेल बनेगा, जो इनसे बातचीत करेगा और राज्यों से भी बात करेगा। राज्यों की रैंकिंग भी होगी। निवेश के लिए आकर्षित योजनाओं पर उनकी रैंकिंग तय होगी। इससे देश में विदेशी कंपनियों के निवेश को आकर्षित करना है। भारत को एक आकर्षक निवेश केंद्र बनाया जाएगा।सरकार का फोकस रोज़गार बढ़ाने पर-हमें आत्मनिर्भर भारत के लिए तैयार होना पड़ेगा। सरकार का प्रक्रियाओं में पारदर्शिता पर फोकस होगा। हमें कंपिटीशन के लिए तैयार होना पड़ेगा। हमारा फोकस रोज़गार बढ़ाने पर है।आत्मनिर्भर भारत के लिए मेक इन इंडिया पर फोकस है। इसमें घरेलू खपत के अलावा निर्यात के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा। भारत एक और आकर्षक निवेश केंद्र बनेगा।शुक्रवार को जारी हुई तीसरी किस्त-कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का एलान किया गया। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जबकि PM मत्स्य संपदा योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये दिए गए।वहीं पशुधन के लिए 13,343 करोड़ का प्रावधान किया गया। FM ने डेयरी उद्योग के लिए 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया। हर्बल कल्टीवेशन के लिए 4,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया जबकि मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।अब सभी तरह की सब्जियों के लिए 50 फीसदी सब्सिडी दी गई जिसके लिए सब्जियों के लिए सप्लाई चेन पर 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में बदलाव होगा। किसानों को बेहतर दाम के लिए नया कानून बनेगा। बुआई से पहले अच्छे भाव का भरोसा के लिए कानून होगा।पहली और दूसरी किस्त- बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए। इस दौरान उन्होंने MSME से लेकर, रियल एस्टेट कंपनियों और आम करदाताओं तक को राहत दी।वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने छोटे किसानों, प्रवासी मजूदरों और स्ट्रीट वेंडर्स और शहरी गरीब सहित समाज के निचले तबके के लोगों के लिए हैं।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना के रूप में मोदी सरकार ने गरीबों की मदद करने की कोशिश की है। आज मैं फिर से कई कदमों की घोषणा कर रही हूं।
(1) निजी सेक्टर ISRO की सुविधाएं ले सकेंगे-स्पेस के क्षेत्र में भारत ने बीते कई साल में अच्छा काम किया है। निजी क्षेत्र को इसमें भागीदार बनने का अवसर दिया जाएगा। निजी सेक्टर इसरो की सुविधाएं ले सकेंगे। नए ग्रहों की खोज या अंतरिक्ष यात्रा में निजी क्षेत्र बढ़कर आगे आए, यह हमारा प्रयास रहेगा।(2) सामाजिक बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। 30 फीसदी केंद्र और 30 फीसदी राज्य सरकारें वायबिलिटी गैप फंडिंग में देंगी। लेकिन शेष क्षेत्र में 20—20 फीसदी ही रहेगा। इसके लिए लगभग 8100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।(3) सिविल एविएशन को बढ़ावा देने पर सरकार का फोकस होगा। एयरलाइंस की लागत कम करने पर जोर देंगे। ज्यादा एयर स्पेस खोलने की योजना पर काम जारी है। PPP के जरिए 6 नए एयरपोर्ट की नीलामी की जाएगी। इंडियन एयर स्पेस का इस्तेमाल आसान बनाया जाएगा। एयरपोर्ट नीलामी प्रक्रिया जल्द शुरू करेंगे। इंडियन एयर स्पेस का सिर्फ 60 फीसदी इस्तेमाल जारी है। इंडियन एयर स्पेस के इस्तेमाल से रोक हटाएंगे। सरकार का भारत को एयरक्राफ्ट रिपेयर हब बनाने पर जोर होगा। हम एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस का ग्लोबल हब बन सकते हैं। विमानों की MRO सुविधा देश में ही डेवलप होगी।(4) बताए बिना कट जाती है तो कंपनी पर जुर्माना लगेगा- पावर सेक्टर में कुछ बदलाव होंगे। उपभोक्ताओं को उनके अधिकार, पर्याप्त बिजली होगी, बिजली कंपनियों का नुकसान उपभोक्ता को नहीं झेलनी पड़ेगी। बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। पावर जेनरेशन कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इनका चयन भी उसी आधार पर होगा, जिससे कि वो अच्छी सुविधाएं दे सके। यूनियर टेरेटेरी में पावर डिस्कॉम का निजीकरण पहले होगा। बताए बिना कट जाती है तो कंपनी पर जुर्माना लगेगा(5) डिफेंस में FDI सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करेंगे-सरकार का डिफेंस प्रोडक्शन पर खास जोर होगा। डिफेंस सेक्टर में मेक इन इंडिया पर फोकस होगा। डिफेंस सेक्टर के हथियारों की लिस्ट तैयार होगी। डिफेंस उपकरणों का स्वदेशीकरण किया जाएगा। डिफेंस उपकरणों को देश में बनाने की पहल होगी। चुनिंदा हथियारों की खरीद सिर्फ सरकार करेगी। कुछ डिफेंस प्रोडक्ट के इंपोर्ट पर रोक लगेगी। इससे डिफेंस इंपोर्ट में कमी लाने में मदद मिलेगी। हथियारों को लेकर विदेशों पर निर्भरता घटेगी। इंपोर्ट न करने वाले हथियारों की लिस्ट बनेगी । डिफेंस में FDI सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करेंगे।ऑटोमेटिक रूट से डिफेंस में FDI सीमा बढ़ेगी।(6) मिनरल सेक्टर में ग्रोथ, रोजगार बढ़ाने पर जोर है। इस सेक्टर में स्ट्रक्चरल रिफार्म किए जाएंगे और स्टेट ऑफ द आर्ट की तकनीक इस्तेमाल होगी। 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी की जाएगी। मिनरल सेक्टर में निजी निवेश बढ़ाया जाएगा।(7) कोल सेक्टर के लिए बड़े रिफॉर्म-सरकार की कोल सेक्टर के लिए बड़े रिफॉर्म की योजना है। कमर्शियल कोल माइनिंग को बढ़ावा देंगे। कोल सेक्टर में कमर्शियल माइनिंग का एलान किया जाएगा। कोल को गैस में कनवर्ट करने पर इंसेंटिव दिया जाएगा। कोल सेक्टर के लिए बड़े रिफॉर्म की योजना है। कोल पर अब सरकार की MONOPOLY नहीं रहेगी। रेवेन्यू शेयरिंग बेसिस से कोल का रिफॉर्म होगा। कोल इंफ्रा के लिए 50,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। कोयला निकालने पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। कोल सेक्टर में कमर्शियल माइनिंग का एलान किया जाएगा। 50 नए कोल ब्लॉक तत्काल उपलब्ध कराए जाएंगे। कोल के गैसिफिकेशन के लिए इंसेंटिव देंगे।(8) विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए -फॉस्टट्रैक निवेश के लिए एम्पावर्ड गुप का गठन किया गया है। प्रत्येक मंत्रालय में सेल बनेगा, जो इनसे बातचीत करेगा और राज्यों से भी बात करेगा। राज्यों की रैंकिंग भी होगी। निवेश के लिए आकर्षित योजनाओं पर उनकी रैंकिंग तय होगी। इससे देश में विदेशी कंपनियों के निवेश को आकर्षित करना है। भारत को एक आकर्षक निवेश केंद्र बनाया जाएगा।सरकार का फोकस रोज़गार बढ़ाने पर-हमें आत्मनिर्भर भारत के लिए तैयार होना पड़ेगा। सरकार का प्रक्रियाओं में पारदर्शिता पर फोकस होगा। हमें कंपिटीशन के लिए तैयार होना पड़ेगा। हमारा फोकस रोज़गार बढ़ाने पर है।आत्मनिर्भर भारत के लिए मेक इन इंडिया पर फोकस है। इसमें घरेलू खपत के अलावा निर्यात के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा। भारत एक और आकर्षक निवेश केंद्र बनेगा।शुक्रवार को जारी हुई तीसरी किस्त-कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का एलान किया गया। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जबकि PM मत्स्य संपदा योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये दिए गए।वहीं पशुधन के लिए 13,343 करोड़ का प्रावधान किया गया। FM ने डेयरी उद्योग के लिए 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया। हर्बल कल्टीवेशन के लिए 4,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया जबकि मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।अब सभी तरह की सब्जियों के लिए 50 फीसदी सब्सिडी दी गई जिसके लिए सब्जियों के लिए सप्लाई चेन पर 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में बदलाव होगा। किसानों को बेहतर दाम के लिए नया कानून बनेगा। बुआई से पहले अच्छे भाव का भरोसा के लिए कानून होगा।पहली और दूसरी किस्त- बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए। इस दौरान उन्होंने MSME से लेकर, रियल एस्टेट कंपनियों और आम करदाताओं तक को राहत दी।वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने छोटे किसानों, प्रवासी मजूदरों और स्ट्रीट वेंडर्स और शहरी गरीब सहित समाज के निचले तबके के लोगों के लिए हैं।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना के रूप में मोदी सरकार ने गरीबों की मदद करने की कोशिश की है। आज मैं फिर से कई कदमों की घोषणा कर रही हूं।