AajTak : May 12, 2020, 08:59 AM
अमेरिका: अंतरिक्ष बेहद रहस्यमयी है। लेकिन ये सच है कि वहां से आपको कई बार बेहद खूबसूरत और हैरतअंगेज नजारे देखने को मिलते हैं। अभी से ठीक 24 से 36 घंटे बाद आपको धरती पर आसमानी आतिशबाजी का नजारा देखने को मिल सकता है। ये बेहद खूबसूरत नजारा होगा जब आसमान से चमकते हुए धूमकेतु धरती के बगल से निकलेंगे। इन्हें आप बिना किसी दूरबीन के खुली आंखों से देख सकते हैं।
मई के महीने में ऐसा दो बार होने वाला है। एक तो 13 मई को धरती से करीब 8।33 करोड़ किलोमीटर दूर से गुजरेगा। इसका नाम है कॉमेट स्वान (Comet SWAN) फिलहाल ये धरती से करीब 8।50 करोड़ किलोमीटर दूर है। काफी तेजी से धरती की तरफ आ रहा है। इसके बाद 23 मई को कॉमेट एटलस (Comet ATLAS) धरती के बगल से गुजरेगा। 13 मई को दिखने वाले कॉमेट यानी धूमकेतु स्वान के बारे में करीब एक महीने पहले 11 अप्रैल को एक एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर माइकल मैटियाज्जो ने पता लगाया था। वो नासा के सोलर एंड हेलियोस्फेयरिक ऑब्जरवेटरी (SOHO) से आंकड़े देख रहा था। तभी उसे सोहो सोलर विंड एनिसोट्रॉपिस इंस्ट्रूमेंट (SOHO SWAN) से में इसकी तस्वीर दिखाई दी। फिर इसका नाम स्वान रख दिया गया। स्वान इंस्ट्रूमेंट का उपयोग सौर मंडल में हाइड्रोजन का पता लगाने के लिए किया जाता है। लेकिन इसकी मदद से माइकल ने स्वान धूमकेतु का पता लगा लिया। अब यह धूमकेतु 13 मई को धरती के बगल से निकलेगा। इस कॉमेट का एक ट्विटर हैंडल भी है।धूमकेतु स्वान सिर्फ उन लोगों को दिखाई देगा जो भूमध्य रेखा (Equator Line) के दक्षिण में रहते होंगे। दुख की बात ये है कि भारत भूमध्य रेखा के उत्तर में है, इसलिए यहां के लोगों को खुली आंखों से ये धूमकेतु संभवतः देखने को न मिले।
मई के महीने में ऐसा दो बार होने वाला है। एक तो 13 मई को धरती से करीब 8।33 करोड़ किलोमीटर दूर से गुजरेगा। इसका नाम है कॉमेट स्वान (Comet SWAN) फिलहाल ये धरती से करीब 8।50 करोड़ किलोमीटर दूर है। काफी तेजी से धरती की तरफ आ रहा है। इसके बाद 23 मई को कॉमेट एटलस (Comet ATLAS) धरती के बगल से गुजरेगा। 13 मई को दिखने वाले कॉमेट यानी धूमकेतु स्वान के बारे में करीब एक महीने पहले 11 अप्रैल को एक एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर माइकल मैटियाज्जो ने पता लगाया था। वो नासा के सोलर एंड हेलियोस्फेयरिक ऑब्जरवेटरी (SOHO) से आंकड़े देख रहा था। तभी उसे सोहो सोलर विंड एनिसोट्रॉपिस इंस्ट्रूमेंट (SOHO SWAN) से में इसकी तस्वीर दिखाई दी। फिर इसका नाम स्वान रख दिया गया। स्वान इंस्ट्रूमेंट का उपयोग सौर मंडल में हाइड्रोजन का पता लगाने के लिए किया जाता है। लेकिन इसकी मदद से माइकल ने स्वान धूमकेतु का पता लगा लिया। अब यह धूमकेतु 13 मई को धरती के बगल से निकलेगा। इस कॉमेट का एक ट्विटर हैंडल भी है।धूमकेतु स्वान सिर्फ उन लोगों को दिखाई देगा जो भूमध्य रेखा (Equator Line) के दक्षिण में रहते होंगे। दुख की बात ये है कि भारत भूमध्य रेखा के उत्तर में है, इसलिए यहां के लोगों को खुली आंखों से ये धूमकेतु संभवतः देखने को न मिले।
Get ready, my dear Earthlings! #FollowTheComet https://t.co/RmwZSrLoqE
— Comet ATLAS (@c2019y4) April 3, 2020
भारत के लोग इसे दूरबीन से इसे देख सकते हैं। यह पाइसेज कॉन्स्टीलेशन (मीन नक्षत्र) की तरफ से तेजी से आ रहा है। यह आपको हरे रंग में काफी तेजी से चमकता हुआ दिखाई देगा।इसके बाद, 23 मई को एक और धूमकेतु धरती के बगल से निकलेगा। इसका नाम है कॉमेट एटलस। इसे कॉमेट सी/2019 वाई4 एटलस (Comet C/2019 Y4 ATLAS) भी बुलाते हैं। अभी तक इसकी दूरी का अंदाजा नहीं लग पाया है। कॉमेट एटलस की खोज 28 दिसंबर 2019 को हुई थी। उस समय इसकी चमक काफी धीमी थी। लेकिन अभी यह काफी तेजी से चमक रहा है। एटलस का नाम अमेरिका के हवाई द्वीप पर लगे एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल इंपैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (ATLAS) पर रखा गया है। इसका भी अपना ट्विटर हैंडल है। यह भी नहीं पता है कि यह धरती के बगल से किस समय निकलेगा, लेकिन जल्द ही वैज्ञानिक इसकी गति और धरती के बगल से गुजरने का समय पता कर लेंगे। ये भारत से नंगी आंखों से दिखाई देगा। ऐसी संभावना वैज्ञानिकों ने जताई है।I am VISIBLE to the naked eye! I am 85,148,228 km away from Earth and my current magnitude is 5.5. You can spot me near the Pisces constellation.
— Comet SWAN (@c2020f8) May 12, 2020
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