Vikrant Shekhawat : Jan 25, 2022, 10:35 PM
केंद्र सरकार ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस (Republic Day) की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया. इसमें पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य का नाम भी शामिल है. लेकिन अब बुद्धदेव भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattacharjee) ने पद्म भूषण लेने (Padma Bhushan) से मना कर दिया है. एक बयान जारी कर उन्होंने कहा कि वह पद्म भूषण पुरस्कार नहीं लेंगे. उन्होंने कहा, “मैं पद्म भूषण पुरस्कार के बारे में कुछ नहीं जानता हूं. मुझे इस बारे में किसी ने कुछ नहीं कहा है. यदि किसी ने मुझे पुरस्कार दिया है तो मैं वापस करता हूं.”बता दें कि बुद्धेव भट्टाचार्य सीपीआईएम के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी रह चुके हैं. अभी तक CPM और CPI के किसी भी नेता ने इस तरह का पुरस्कार नहीं लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु को भी भारत रत्न देने की बात हुई थी, लेकिन उन्होंने भी इनकार कर दिया था.क्या ये पॉलिटिकल स्टंट है?वहीं, उनके इस कदम को सरकार के सूत्र पॉलिटिकल स्टंट करार दे रहे हैं. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक सरकार के सूत्र ने कहा कि केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने सुबह-सुबह उनके परिवार को उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार देने की जानकारी दी थी. उस दौरान उनकी पत्नी ने अधिकारी से मुलाकात की थी. पुरस्कार से इंकार करने को लेकर परिवार ने केंद्र सरकार को कोई जानकारी नहीं दी थी. पुरस्कारों की घोषणा शाम को ही हुई. यह संभवतः एक पॉलिटिकल स्टंट है.पश्चिम बंगाल से छह लोगों को पद्म पुरस्कारकेंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि 128 लोगों का नाम पद्म पुरस्कारों के लिए चयनित किया गया है. इनमें चार को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण और 107 को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. पश्चिम बंगाल से बुद्धेव भट्टाचार्य को पद्मभूषण, विक्टर बनर्जी को पद्म भूषण, प्रह्लाद राय अग्रवाल को पद्म श्री, संघमित्रा बंदोपाद्याय को पद्म श्री, काजी सिंह को पद्म श्री और कलिपदा सोरेन को पद्मश्री के लिए चयनित किया गया था.