Vikrant Shekhawat : Jun 03, 2021, 10:06 AM
नई दिल्ली: कोरोना संकट (COVID-19) के बीच लोगों की सहूलियत के लिए दिल्ली (Delhi) की केजरीवाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है उनको भी अनाज मिल पाएगा. इस बात की जानकारी दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने दी है. एक ट्वीट में मनीष सिसोदिया ने कहा, 'दिल्ली में जिन लोगों के पास राशनकार्ड नहीं हैं उन्हें भी राशन देने के लिए 5 जून से स्कूलों में राशन मिलने लगेगा. आज से स्कूलों में राशन पहुंचना शुरू हो गया है. दिल्ली में किसी भी गरीब आदमी के पास खाने की कोई कमी न रहे, इसका पूरा इंतज़ाम केजरीवाल सरकार कर रही है.'कोरोना वायरस की दूसरी लहर में देशभर में भारी नुकसान का आकलन किया गया है. व्यापारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड की दूसरी लहर के कारण देश के लगभग सभी राज्यों में हुए लॉकडाउन से पिछले 60 दिनों में भारत के घरेलू व्यापार को लगभग 15 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि इस गंभीर वित्तीय संकट के चलते देश भर के व्यापारी पहली बार अपने कर्मचारियों की संख्या घटाने पर विचार कर रहे हैं. इसमें कई प्रकार के मासिक एस्टैब्लिशमेंट और ओवरहेड खर्चों में कटौती सहित कर्मचारियों की छंटनी करना भी शामिल है. इससे बेरोजगारों की संख्या भी बढ़ने की पूरी संभावना है.केंद्र सरकार को फटकारब्लैक फंगस और वैक्सीनेशन के मामले पर मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की कड़ी फटकार लगाई. दिल्ली हाई कोर्ट ने तल्ख टिपणी करते हुए केंद्र से पूछा सवाल कि अगर आपके पास वैक्सीन नहीं है तो घोषणाएं क्यो करते हैं. हाई कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वह नीति तैयार करे कि दवाइयों की कमी के समय किसे प्रतिकमिकता दी जाएगी? हाई कोर्ट ने युवाओं को प्राथमिकता देने के लिए कहा है. ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले और इलाज के लिए उपलब्ध दवाओं पर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर किया है, जिस पर कोर्ट भड़क गया. कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट को अस्पष्ट और सरकार को नॉन कमिटल कहा.