Vikrant Shekhawat : Apr 16, 2023, 01:56 PM
Atiq Ahmed Murder: पुलिस कस्टडी में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद हड़कंप मच गया है. प्रयागराज में शनिवार को हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तीनों ने पुलिस को दिए कथित बयान में कहा कि है कि अतीक का कनेक्शन पाकिस्तान से था. उसने और उसके गैंग ने कई निर्दोषों का कत्ल किया था. वह जमीन हड़पने के लिए हत्या करता था और गवाही देने वालों को भी नहीं छोड़ता था.उनका कहना है, उसका भाई अशरफ भी यही करता था, इसलिए हमनें दोनों को खत्म कर दिया. खास बात है कि अतीक ने जिस तरह लोगों की हत्या कराईं, ठीक उसी तरह सरेआम उसकी भी हत्या हुई. जानिए माफिया डॉन अतीक अहमद ने कितनों को मौत के घाट उतारा.पहली हत्या का मामला 1979 में दर्ज हुआअतीक का आपराधिक रिकॉर्ड पुराना है. उस पर 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. हत्या का पहला मुकदमा 1979 में तब दर्ज हुआ तब वह नाबालिग था. 1992 में इलाहाबाद पुलिस ने बताया था कि अतीक के हत्या समेत दूसरी अपराधों से जुड़े 4 दर्जन मामले दर्ज किए जा चुके थे.अतीक पर हत्या के जो आरोप लगे उसमें सबसे सबसे ज्यादा चर्चा में रहा राजू पाल का मामला. 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से नवनिर्वाचित विधायक राजू पाल शहर के पुराने हिस्से सुलेमसराय में थे. तभी हमला हुआ. राजू पाल को 19 गोलियां लगीं और अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.घटना के 10 दिन पहले राजू की शादी पूजा पाल से हुई थी. राजू बसपा विधाायक थे, लेकिन सूबे में सपा की सरकार थी. राजू की पत्नी पूजा ने हत्या का आरोप तत्कालीन सपा सांसद अतीक, भाई अशरफ, फरहान और आबिद के साथ कई लोगों को लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया.अतीक पर कितनों की हत्या के आरोप?जिस समय अतीक नाबालिग था उस समय इलाहाबाद में माफिया डॉन चांद बाबा का खौफ था, लेकिन अतीक उससे आगे निकलने की फिराक में था. 1989 में अतीक और चांद बाबा ने इलाहाबाद पश्चिम सीट से चुनाव लड़ा. चुनाव में चांद बाबा को शिकस्त मिली और सीट पर अतीक का कब्जा हो गया. इस जीत के कुछ ही दिनों के अंदर चांद बाबा की हत्या हुई. हत्या में सीधेतौर पर अतीक का नाम सामने आया. यहीं से अतीक के आतंक युग की शुरुआत हुई. इसके बाद अतीक ने एक-एक करके चांद बाबा के गैंग के सदस्यों को मरवा दिया.हत्या के मामले यहीं तक सीमित नहीं रहे. अतीक पर 2002 में नस्सन की हत्या कराने, 2004 में भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी के करीबी कहे जाने वाले पार्टी लीडर अशरफ का मर्डर करने का आरोप भी लगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अतीक और उसके भाई अशरफ ने जेल में उमेश पाल की हत्या की साजिश रची.24 फरवरी, 2023 को दिनदहाड़े हुई उमेश पाल की हत्या के मामले में अतीक को मुख्य अभियुक्त बनाया गया. उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड के गवाह थे. पूरा मामला सीबीआई के पास था. अतीक पहले ही उमेश पाल के अपहरण करने के मामले में सजा काट रहा था.