Vikrant Shekhawat : Jul 23, 2020, 10:24 PM
राजस्थान का राजनीतिक घमासान अब तल्ख हो चला है। केन्द्र सरकार की एजेंसियों ने गहलोत के भाई पर घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच खोल दी है और राजस्थान की एसओजी ने केन्द्रीय मंत्री शेखावत पर संजीवनी सोसायटी नामक संस्था के घोटालों में सहभागी होने का मामला जांच में लाना शुरू कर दिया है। वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि ईडी, सीबीआई या इनकम टैक्स की कार्रवाई पर 6 साल से लगातार बोल रहा हूं। जिस तरह से मोदी जी के राज के अंदर कार्रवाई शुरू हुई है। अमित शाह के इशारे पर सीबीआई, ईडी किस रूप में काम कर रही है। पहले जमाने में छापे पड़ते थे तो बाद में पता चलता था। अब तीन-चार दिन पहले ही खबर पड़ जाती है। इस तरह के छापों से हम घबराने वाले नहीं हैं।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर पीएम मोदी और भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र बहुत जल्दी होगा। पूरे कांग्रेस विधायक एकजुट हैं। जिन्होंने गलती की है वो लोग कोर्ट में हैं। उनकी सिर्फ एक बात है कि स्पीकर ने जो नोटिस दिया है वो सही है या गलत। हमने दो मीटिंग की। मीटिंग इसलिए की थी कि जो गए हैं वो आ जाएं, लेकिन वो नहीं आए। इससे पता चल गया कि विधायक वापस नहीं आना चाहते हैं। हमारे पास बहुमत है। बहुत जल्द विधानसभा का सेशन बुलाएंगे। उन्होंने कहा कि वहां बाउंसर लगाए गए हैं। लोग कह रहे हैं कि हम वापस आना चाहते हैं। जब वो वापस आएंगे तो सब साफ हो जाएगा। उसके अलावा भी हमारे पास बहुमत है।
भाजपा पर भी गहलोत ने साधा निशाना
हमारा मिशन रुकने वाला नहीं है। हम भाजपा की जो नीति, सिद्धांत देश को बर्बाद करने वाले हैं। फासिस्ट लोग हों। उनका मुकबला करने का दम कांग्रेस में है। जो लोग समझदार हैं, वो जानते हैं कि कांग्रेस मजबूत रहनी चाहिए। कांग्रेस की मजबूती देश की मजबूती है। देश राहुल गांधी को सुन रहा है। मोदी जी अच्छे वक्ता हैं। एक सीमा तक प्रभावित कर सकते हो। ताली, थाली, मोमबत्ती लगवा दी, अच्छी बात है। देश समझता है कोरोना महामारी है। केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर मुकाबला करना चाहिए। आप मध्यप्रदेश और उससे पहले कर्नाटक में सरकार गिराने में लगे रहे।
हम कोरोना से 24 घंटे लड़ रहे, भाजपा हमारे साथियों को गुमराह कर रही
हम कोरोना से लड़ने के लिए 24 घंटे लगे रहे। 21 घंटे विधायकों के साथ बात की। भाजपा के विधायक भी शामिल थे। आज भी हम मुकाबला कर रहे हैं। इस बीच आप (भाजपा) हमारे साथियों को गुमराह करके ले जाओ। जब लोग मर रहे हैं, उस के बीच आप राजनीति करो। जनता इनको माफ नहीं करेगी।
ऑडियो टेप को जांच के लिए अमेरिका भेजने के लिए तैयार
हम ऑडियो टेप की जांच के लिए उसे अमेरिका भेज देंगे। अगर राजस्थान की एफएसएल पर विश्वास नहीं है। दिल्ली में विश्वास नहीं है हम लोगों को। अमेरिका की एफएसएल की एजेंसी को भेज देंगे। उन्हे आगे आने के लिए वॉइस सैंपल देने चाहिए। हम इतनी जगह स्पीच देते हैं इससे पता होता है कि आवाज किसकी है। फिर भी आदमी एक रिएक्शन ही देता है कि मेरी आवाज नहीं है। वो लोग धमकी भी दे रहे हैं।
गहलोत की चेतावनी और आरोप
पायलट खेमे के कोर्ट में जाने पर कहा- जो लोग कोर्ट में गए हैं, उन्होंने गलती की है। मीटिंग इसलिए की थी कि जो चले गए हैं, वो वापस आ जाएं। इनकी मंशा अलग होने की है। हमने स्पीकर से भी यही कहा था। स्पीकर नोटिस देकर बातचीत करके फैसला लेते हैं।
हमारे कुछ विधायकों को उन लोगों ने बंधक बनाकर रखा है। बाउंसर लगा रखे हैं। उनके फोन आ रहे हैं कि हम निकल नहीं पा रहे हैं। हमारे पास बहुमत है।
ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स की जिस तरह से यहां कार्रवाई हुई है, यह कोई नई बात नहीं है। पहले जमाना था। छापे पड़ते थे। अब पहले से ही पता चल जाता है कि छापे पड़ने वाले हैं। इन छापों से हम न डरने वाले हैं, न घबराने वाले हैं। ये लोकतंत्र की हया करने वाले लोग हैं।
मोदी जी अच्छे वक्ता हैं। एक सीमा तक प्रभावित कर सकते हैं। ताली, थाली, मोमबत्ती लगवा दी। कोरोना एक महामारी है। उसका मुकाबला करना चाहिए। आपने सरकार गिरा दी मध्यप्रदेश की। हमारे कुछ साथियों को गुमराह करके ले जाओ, लेकिन जनता माफ नहीं करेगी।
पायलट खेमे ने हाईकोर्ट से कहा- केंद्र को भी पक्षकार बनाएं
गुरुवार को ही सचिन पायलट खेमे के विधायक पृथ्वीराज मीणा ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार को भी इस मामले में पक्षकार बनाया जाए। स्पीकर सीपी जोशी के अयोग्यता नोटिस के खिलाफ बागी 19 विधायकों की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। फैसला 24 जुलाई तक सुरक्षित रखा है। तब तक स्पीकर को किसी तरह का फैसला नहीं लेने पर रोक लगा दी है।
दरअसल, सचिन पायलट खेमे के बागी तेवर के बाद गहलोत ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। बागी 19 विधायक बैठक में नहीं पहुंचे। इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने चीफ व्हिप महेश जोशी की शिकायत पर 14 जुलाई को इन्हें अयोग्यता का नोटिस भेजा। इसके खिलाफ ये विधायक हाईकोर्ट पहुंच गए थे।
दोनों ही गुट विधायकों को बाहर निकालने में कतरा रहे
गहलोत गुट के विधायक राजस्थान के पास फेयरमोंट होटल में ठहरे हैं। वहीं, पायलट गुट के विधायक दिल्ली-एनसीआर में हैं। ये लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे हैं। इस बीच, दोनों गुट के नेता बाहर आने से बच रहे हैं। डर सता रहा है कि कहीं उनके विधायक दूसरा गुट तोड़कर नहीं ले जाए। कई विधायकों के फोन तक जब्त किए जा चुके हैं। यह भी खबर है कि सरकार के स्तर पर कई विधायकों और नेताओं के फोन टेप कराए जा रहे हैं।