विदेश / अगर लैब्स की जांच करनी है, तो विशेषज्ञ अमेरिका जाएं: कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर चीन

कोरोना वायरस के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक होने की अफवाहों के बीच चीन ने कहा है, "अगर प्रयोगशालाओं की जांच की जानी है...तो डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों को फोर्ट डेट्रिक (अमेरिका) जाना चाहिए।" चीनी सरकार के अधिकारी झाओ लिजियान ने कहा कि अमेरिका को पारदर्शी तरीके से काम करना चाहिए और विशेषज्ञों को जांच के लिए आमंत्रित करना चाहिए।

Vikrant Shekhawat : Jul 27, 2021, 06:30 PM
बीजिंग: कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर दुनियाभर में बहस छिड़ी हुई है। कुछ वैज्ञानिक इसे प्राकृतिक मानते हैं तो वहीं कई शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि कोरोना की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर में स्थित एक लैब में हुई। आखिरकार इस वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई, यह पता लगाने के लिए एक बार फिर से चीन के लैबों की जांच की मांग हो रही है। दरअसल, कोरोना का पहला मामला चीन के वुहान में ही देखा गया था, लेकिन चीन अब उल्टे अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कह रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को चीन के लैब की बजाय अमेरिका के मिलिटरी बेस फोर्ट डेट्रिक की जांच करनी चाहिए।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि लैब लीक थियोरी के समर्थकों को अमेरिकी बायोलॉजिकल लैब की जांच करनी चाहिए। झाओ ने आगे कहा, 'अमेरिका को पारदर्शी और जिम्मेदाराना तरीके से काम करना चाहिए और डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों को अपनी फोर्ट ड्रेट्रिक लैब की जांच के लिए आमंत्रित करना चाहिए। सिर्फ इसी तरह से दुनिया के सामने कोरोना की उत्पत्ति का सच आ सकता है। एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक झाओ लिजिआंग ने कहा है कि अमेरिका इस मुद्दे को उलझा रहा है। उसे फोर्ट डेट्रिक में जैविक प्रयोगशाला के आसपास के सभी संदेहों पर एक जिम्मेदार स्पष्टीकरण देना चाहिए।

कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए दूसरे चरण की जांच

आपको बता दें कि हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए दूसरे चरण की जांच होनी चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि चीन के वुहान में स्थित लैब और स्थानीय मार्केट की भी जांच होनी चाहिए। जांच के पहले चरण के दौरान जनवरी में चीनी शोधकर्ताओं के साथ मिलकर डब्ल्यूएचओ की टीम ने वुहान शहर का दौरा किया था। अमेरिका और ब्रिटेन सहित अन्य देशों ने विशेष रूप से वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में और अधिक जांच की मांग की है, जहां चमगादड़ों पर शोध किया जा रहा था।

पहले चरण में जांच के लिए चीन गई डब्ल्यूएचओ की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि वायरस संभवतः चमगादड़ या किसी अन्य जानवर से इंसानों में पहुंचा। जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि कोरोना वायरस वुहान के लैब से लीक हुआ है। बाद में डब्ल्यूएचओ के इस रिपोर्ट की काफी आलोचना हुई। हालांकि, इस रिपोर्ट के आने के कुछ हफ्ते बाद ही डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडोनोम ने कहा कि कोरोना के लैब से निकलने की थियोरी को खारिज करना जल्दबाजी होगी।