देश / प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार का मेगा प्लान, 20 जून को PM मोदी करेंगे...

कोरोना संकट में नरेंद्र मोदी सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए एक मेगा प्लान लेकर आई है। इसके तहत लॉकडाउन के दौरान अपने राज्यों और गांव वापस लौटने वाले लाखों लोगों के रोजगार और पुनर्वास के लिए पूरा खाका तैयार किया गया है। इसे गरीब कल्याण रोजगार अभियान नाम दिया गया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को इस अभियान को लॉन्च करेंगे।

News18 : Jun 18, 2020, 01:05 PM
नई दिल्ली। कोरोना संकट (COVID-19 Crisis) में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) के लिए एक मेगा प्लान लेकर आई है। इसके तहत लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान अपने राज्यों और गांव वापस लौटने वाले लाखों लोगों के रोजगार और पुनर्वास के लिए पूरा खाका तैयार किया गया है। इसे गरीब कल्याण रोजगार अभियान (Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan) नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 20 जून को इस अभियान को लॉन्च करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में केंद्र सरकार गरीबों, मजदूरों, किसानों के हितों के लिए कदम उठा रही है। चाहे वह 1।70 लाख करोड़ का गरीब कल्याण पैकेज प्रदान करना हो या, 20 लाख करोड़ के पैकेज से आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प हो। अब इस नई योजना से सरकार का उद्देश्य कोरोना संकटकाल में भी ग्रामीण भारत में रोजगार को बनाए रखना है।

ये राज्य होंगे कवर

इस स्कीम में बिहार समेत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा इन 6 राज्यों के 116 जिलों को कवर किया जाएगा। यहां बीते दिनों में 25 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर लौटे हैं।


125 दिनों की है ये स्कीम

गरीब किसान कल्याण रोजगार अभियान 125 दिनों का है, जो मिशन मोड पर चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य लॉकडाउन के दौरान लौटने वाले मजदूरों के लिए रोजगार, आजीविका, गरीब कल्याण सुविधाओं और कौशल विकास के लाभ को सुनिश्चित करना है। इसके तहत प्रवासी मजदूरों के लिए 25 तरह के काम शामिल किए गए हैं। इस स्कीम में 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।


कहां से होगी शुरुआत?

पीएम मोदी 20 जून को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस स्कीम को लॉन्च करेंगे। बिहार के खगरिया जिले के तेलीगर गांव से इस स्कीम की शुरुआत हो रही है। आगे 6 राज्यों के कुल 116 जिले कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए इस प्रोग्राम से जुड़ेंगे।

बिहार के सर्वाधिक 32 जिले इस स्कीम में शामिल

केंद्र सरकार की तरफ से देश के छह राज्यों के उन 116 जिलों की पहचान की गई है, जहां पर सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन के दौरान घर वापसी की है। इसमें बिहार के सर्वाधिक 32 जिले शामिल हैं।

इन जिलों में मनरेगा, स्किल इंडिया, किसान कल्याण योजना, पीएम आवास योजना, जनधन योजना, खाद्य सुरक्षा योजना के साथ-साथ केंद्र की अन्य योजनाओं को भी पूरी गति से चलाया जाएगा।


बता दें कि इससे पहले मोदी सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत करीब 42 करोड़ गरीबों को 53,248 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करा चुकी है। 26 मार्च को 1।70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज में गरीबों को मुफ्त अनाज, महिलाओं, बुजुर्गों, किसानों और अन्य को नकद सहायता उपलब्ध कराना शामिल है।