देश / कोविड-19 रैपिड ऐंटीजन टेस्ट किट के निर्यात पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, कोविड-19 रैपिड ऐंटीजन टेस्ट किट के निर्यात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया गया है। अधिसूचना के मुताबिक, इस प्रतिबंधित श्रेणी के तहत निर्यातकों को टेस्ट किट का निर्यात करने के लिए पहले डीजीएफटी से लाइसेंस या अनुमति लेनी होगी।

Vikrant Shekhawat : Aug 17, 2021, 01:38 PM
नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत तमाम एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए भारत सरकार ने कोविड 19 रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग किट की निर्यात नीति में बदलाव कर दिया है। इसके साथ ही कोविड 19 रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग किट के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इस संबंध में सरकारी नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। अभी तक भारत सरकार की निर्यात नीति के मुताबिक रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग किट मुफ्त थी। इस कदम के पीछे सरकार की मंशा यह है कि अगर भारत में तीसरी लहर आए तो यहां पर किट की कमी न हो।

मई में जारी हुई थी एडवाइजरी

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने 19 मई को एडवाइजरी जारी की थी। इसके तहत कोविड 19 की घर पर जांच के लिए रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट के इस्तेमाल की बात कही गई थी। इस किट के जरिए कोविड 19 के सिप्टोमैटिक पेशेंट्स और कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आने वालों के जांच की सलाह दी गई थी। ग्रामीण इलाकों में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के बाद सरकार को टेस्टिंग की रणनीतियों में बदलाव करना पड़ा था। तब आरटी-पीसीआर के बजाए आरएटी के जरिए टेस्टिंग से काफी मदद मिली थी। 

ग्रामीण इलाकों में मिली थी मदद

असल में ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर आरटीपीसीआर लैब उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में कोरोना की समय से जांच नहीं हो पा रही थी और इससे संक्रमण के चेन को रोक पाने में मुश्किल आ रही थी। ऐसी सिचुएशन में रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग किट से काफी मदद मिली थी। आरएटी के जरिए कोरोना के लक्षणों की जांच के लिए डोर टु डोर अभियान चलाया गया था। इससे संक्रमण की चेन तोड़ने और तेज इलाज में मदद मिली थी।