देश / सरकार ने 10 संगठनों को दी ड्रोन के इस्तेमाल की अनुमति; जारी की सूची

नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए ने 10 संगठनों को मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021 से सशर्त छूट देते हुए ड्रोन का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। इनमें कर्नाटक सरकार, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और गुजरात की ब्लू रे ऐविएशन शामिल हैं। यह छूट आदेश की तिथि से 1 साल या अगले आदेश तक (जो पहले हो) वैध रहेगी।

Vikrant Shekhawat : Aug 17, 2021, 09:19 AM
नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) और बेयर क्रॉप साइंस सहित 10 संगठनों को विभिन्न उद्देश्यों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने की सशर्त अनुमति दे दी. इस संबंध में सरकार ने जानकारी दी है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कर्नाटक सरकार उन 10 संगठनों में से एक है और उसे ‘बेंगलुरु में शहरी संपत्ति के स्वामित्व संबंधी दस्तावेज तैयार करने के लिए ड्रोन आधारित हवाई सर्वेक्षण’ करने की मंजूरी दी गई है.

महिंद्रा एंड महिंद्रा को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में ‘ड्रोन-आधारित कृषि परीक्षण’ करने और धान एवं मिर्च की फसल पर छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग करने की मंजरी दी गई है. बयान में कहा गया कि दो संगठनों – गुजरात के ब्लू रे एविएशन और तेलंगाना के एशिया पैसिफिक फ्लाइट ट्रेनिंग एकेडमी को ‘ड्रोन का इस्तेमाल करके दूरस्थ पायलट प्रशिक्षण’ प्रदान करने की मंजूरी दी गई है.

कृषि छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग करने की दी मंजूरी

बेयर क्रॉप साइंस को ‘ड्रोन-आधारित कृषि अनुसंधान गतिविधियों’ का संचालन करने और कृषि छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग करने की मंजूरी दी गई है. इसके अलावा मुंबई में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, गंगटोक स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट, सेल, चेन्नई की ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड (टैफे), पुणे के भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान को भी अलग-अलग उद्देश्यों के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. इनमें 5 स्थानों पर वायुमंडलीय अनुसंधान के लिए आईआईटीएम भोपाल, एनडीए पुणे, कराड हवाई अड्डा, उस्मानाबाद हवाई अड्डा और मोहम्मद एयरफील्ड फर्रुखाबाद शामिल है.

सभी संगठनों को दी गई सशर्त छूट, अगले आदेश तक होगी वैध

मंत्रालय ने कहा कि उसने उपरोक्त सभी संगठनों को मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021 से सशर्त छूट दी है, और यह ‘मंजूरी की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक’ वैध होगी और डीजीसीए द्वारा जारी एसओपी के नियमों और शर्तों के अधीन होंगे.