
- भारत,
- 14-Jul-2021 07:49 AM IST
नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के घातक परिणाम हाल ही में देशवासियों ने भुगते हैं बावजूद इसके लोग अभी मास्क नहीं पहने रहे हैं। जबकि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को सबसे बड़ा हथियार माना है, लेकिन देश की जनता लापरवाही करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। हाल ही में संभावित कोरोना की तीसरी लहर के बीच उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कोरोना की भीड़ उमड़ी हुई दिखाई दी थीं। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने जहां पूरे देश में इतनी भयंकर तबाही मचाई थी। वहीं सामने आई लोगों की पिकनिक मनाती तस्वीर यह दर्शाती है कि लोग अभी भी कोरोना को लेकर सीरियस नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस बीफ्रिंग के दौरान लोगों के मास्क न पहनने के पीछे के बहानों को बताया।स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों के मास्क नहीं पहनने के तीन बहाने के बारे में बताया, मंत्रालय ने इन बहानों के पीछे एक सर्वे का हवाला दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो कोविड-19 नियमों की लगातार अनदेखी की जा रही है। बार-बार लोगों से कोरोना नियमों के पालन करने की अपील के बावजूद लोगों ना तो मास्क पहन रहे है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान दे रहे हैं।मास्क ना लगाने के तीन बहानेदरअसल, एक सर्वे यह पता लगाने के लिए किया गया था कि कुछ लोग मास्क क्यों नहीं पहन रहे हैं। सर्वे में सामने आया कि आमतौर पर लोग तीन कारणों का इस्तेमाल मास्क पहनने से बचने के बहाने के तौर पर करते हैं। जैसे कि लोग सांस लेने में तकलीफ का बहाना बनाकर मास्क नहीं पहनते हैं। दूसरा मास्क नहीं पहनते के पीछे असहज लगने का कारण बताते हैं। वहीं तीसरा लोग मास्क इसलिए नहीं पहनते हैं क्योंकि उनका मानना है कि जब तक वे सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हैं, तब तक उन्हें उन्हें पहनने की जरूरत नहीं है।इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक गलत धारणा के बारे में भी बताया। लोगों का यह भी मानना है कि मास्क कोविड-19 को रोकने में मदद नहीं करता हैं। मंगलवार को मीडिया ब्रीफिंग में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर महामारी की संभावित तीसरी लहर की सरकार की चेतावनी के प्रति लोगों के ढीले रवैये को भी बताया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जब हम तीसरी लहर की बात करते हैं तो ऐसा लगता है कि हम इसे मौसम के अपडेट के तौर पर ले रहे हैं।