Vikrant Shekhawat : Sep 14, 2021, 02:31 PM
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (COVID-19) से पीड़ित कई मरीजों को संक्रमण के बाद की कुछ जटिलताओं और साइड-इफेक्ट्स हो रहे हैं. बच्चों में विशेष तौर पर पोस्ट-कोविड का खतरा बढ़ रहा है. बच्चों में एक जटिलता जो कोरोना वायरस के बाद उत्पन्न हो सकती है, वह है (MIS-C) मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम - चिल्ड्रन. Multisystem Inflammatory Syndrome बच्चों में पोस्ट-कोरोना वायरस संक्रमण के बाद देखा जाता है. इस स्थिति में रोगी के हृदय, लीवर, किडनी सहित अन्य कई अंग प्रभावित हो सकते हैं.MIS-C के लक्षण MIS-C बच्चों में कोविड के बाद की कॉप्लेक्शन के रुप में उभर कर सामने आया है. मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम - चिल्ड्रन (MIS-C) के लक्षणों में बुखार, दस्त, उल्टी, पेट दर्द, त्वचा पर चकत्ते, धड़कन का तेज होगा, तेजी से सांस लेना, सिरदर्द, आंखो का लाल होना, होंठ या जीभ का लाल होना या उनमें सूजन आना शामिल हैं.“कोई भी बच्चा बिना किसी कारण या खांसी या सर्दी जैसे लक्षणों के पांच से छह दिनों तक तेज बुखार से पीड़ित है और यदि उसके परिवार में किसी को कोविड-19 हुआ है, तो वह MIS संदिग्ध है." कोविड एंटीबॉडी सहित कुछ परीक्षणों के बाद ही इसकी पुष्टि की जा सकती है.विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में MIS वयस्कों में कोविड के बाद की जटिलताओं के समान है. यह खतरनाक हो सकता है अगर इसका जल्दी इलाज नहीं किया जाता है. बच्चों में एमआईएस के लक्षण कोविड-19 संक्रमण के चार से छह सप्ताह बाद दिखाई देते हैं.गंभीर हो सकता है MIS-Cमल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) जो कुछ बच्चों में कोरोना वायरस के बाद विकसित होता है, एक गंभीर बीमारी हो सकती है जिसके लिए गहन चिकित्सा इकाई (ICU) उपचार की भी आवश्यकता पड़ सकती है. समय पर इलाज होने पर मरीज जल्दी ठीक होने की संभावना है. यह स्थिति ज्यादातर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है.भारत में कई राज्यों ने बच्चों में मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के मामले दर्ज किए हैं. इस साल अगस्त के अंत तक केरल में MSI-C के 300 से अधिक मामले सामने आए. पिछले छह महीनों में तमिलनाडु मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के कम से कम 14 और कर्नाटक में 29 मामले सामने आए.