Kirori Singh Bainsla Passes Away / गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला का निधन, इनके एक इशारे पर थम जाता था पूरा राजस्थान

राजस्थान के दिग्गज गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला का बुधवार रात (30 मार्च) को निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वह काफी दिनों से बीमार थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। राजस्थान में बैंसला का इतना ज्यादा दबदबा था कि उनके एक इशारे पर पूरा राज्य थम जाता था। उनके नेतृत्व में 2007 के दौरान राजस्थान में गुर्जरों ने बड़ा आंदोलन किया था।

Vikrant Shekhawat : Mar 31, 2022, 09:41 AM
राजस्थान के दिग्गज गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला का बुधवार रात (30 मार्च) को निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वह काफी दिनों से बीमार थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। राजस्थान में बैंसला का इतना ज्यादा दबदबा था कि उनके एक इशारे पर पूरा राज्य थम जाता था। उनके नेतृत्व में 2007 के दौरान राजस्थान में गुर्जरों ने बड़ा आंदोलन किया था। 

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख भी रहे बैंसला

गौरतलब है कि किरोड़ी सिंह बैंसला राजस्थान में गुर्जर आंदोलन के काफी बड़ा चेहरा थे। हालांकि, बाद में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। 2007 के दौरान राजस्थान में गुर्जरों को आरक्षण दिलाने के लिए उनके नेतृत्व में बड़ा आंदोलन किया गया। इसके अलावा बैंसला गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख भी थे। 

जयपुर स्थित अस्पताल में ली अंतिम सांस

जानकारी के मुताबिक, बैंसला काफी समय से बीमार चल रहे थे। बुधवार रात उन्होंने मणिपाल अस्पताल में आखिरी सांस ली। बता दें कि वह दो बार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके थे। इसके अलावा पिछले साल नवंबर के दौरान भी सांस लेने में दिक्कत हुई थी, जिसके चलते उन्हें जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

सिपाही से कर्नल तक का सफर

बता दें कि बैंसला का जन्म राजस्थान के करौली जिले के मुंडिया गांव में हुआ था। वह गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखते थे और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर शिक्षक की थी। उनके पिता फौज में थे, जिसके चलते वह भी सेना में भर्ती हो गए और राजपूताना राइफल्स के सिपाही बन गए। उन्होंने 1962 के दौरान भारत-चीन और 1965 के वक्त भारत-पाकिस्तान युद्ध में बहादुरी दिखाई। बैंसला को उनके वरिष्ठ 'जिब्राल्टर का चट्टान' और उनके जूनियर साथी 'इंडियन रैंबो' कहकर बुलाते थे। सिपाही से सेना में अपना सफर शुरू करने वाले बैंसला कर्नल रैंक तक पहुंचे थे।