Vikrant Shekhawat : Apr 07, 2021, 04:29 PM
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में तो कोरोना के नाम पर ऐसा कुछ हो रहा है कि अब सरकार पर सवाल उठना लाजिमी है। यहां पहले तो निगम की पीली गैंग आतंक मचाती है, जो अखबार खिलाफ लिखता उस पर कार्रवाई करती है। इसके बाद रही सही कसर मध्य प्रदेश पुलिस के नौजवान पुलिसकर्मी कर देते हैं और सीएम सहित गृहमंत्री देखते रह जाते हैं।
दरअसल, इंदौर की एक मार्मिक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जहां खाकी पर ऐसे दाग लगे हैं जो किसी भी तरह से नहीं मिट सकते। घटना इंदौर के परदेशीपुरा थाना क्षेत्र की है जहां खाकी ने अपनी इज्जत को खाक में मिलाकर एक बेटे के सामने उसके पिता की पिटाई की। पुलिस के आला अधिकारियों ने मास्क नहीं पहनने वाले के आपराधिक रिकॉर्ड निकालकर टेबल के नीचे अपना मुंह छिपाने की कोशिश की और दोनों पुलिसकर्मियों को बेदखल करने के बजाय उन्हें एसपी ऑफिस में अटैच कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली।हमेशा की तरह पुलिस अपने जवानों का पक्ष लेते दिखी। पुलिस अधीक्षक इंदौर पूर्व आशुतोष बागरी ने बताया कि इस घटना में हमने 2 पुलिसकर्मी को एसपी लाइन में अटैच किया है। ये जो फरियादी हैं, वो नशा करता है और अपराधी भी है। उसका रिकॉर्ड देखा है। इसके पहले का वीडियो काट कर डाला गया है जो सही वीडियो है वो अभी आया नहीं है। पहले उसने हमारे पुलिसकर्मी की वर्दी पकड़ी थी इसके बाद हमारे जवानों ने उस को पकड़ा था। दरअसल, घटना इंदौर के परदेशीपुरा थाना क्षेत्र के फिरोज गांधी नगर मालवा मिल चौराहे की है जहां कृष्णा कुंजिर नामक युवक की दो पुलिस जवानों कमल प्रजापत और धर्मेंद्र जाट ने जमकर मारपीट की। इस दौरान उसका मासूम बेटा पिता को न पीटने की गुहार लगाता रहा लेकिन पुलिस की गुंडागर्दी सरेराह जारी रही। इधर, पुलिस के आला अधिकारी खाकी पर लगे दाग को धोते नजर आ रहे हैं और उल्टा पीड़ित को स्मैक का नशाखोर बताते हुए उसके पुराने अपराधों का बचाव में इस्तेमाल कर रहे। दरअसल, खाकी कितना ही बचाव इस मामले में कर ले लेकिन उसे ये पता नहीं कि, ये मानवाधिकारों का हनन है जो खुद कानून की तमाम धाराओं की जानकार है।कृष्णकांत कुंजिर ने बताया कि मुझे मारा गया, मेरा मास्क नीचे था। पुलिस ने मेरी एक बात नहीं सुनी। मुझे चोट लगी है पर वो माने नहीं और मारना चालू कर दिया। मैंने बहुत कोशिश की पर वो मारते रहे। मुझे चोट भी लगी है। पीड़ित के बेटे यश कुंजिर ने बताया कि मेरे दादा जी जो हॉस्पिटल में भर्ती हैं। हम पापा के साथ उनका टिफिन लेकर जा रहे थे, तभी पुलिस ने मेरे पापा को बहुत मारा। मेरी एक बात नहीं सुनी। उनका सिर्फ मास्क नीचे था। मैंने उनको बचाने की कोशिश की तो मुझे भी धक्का दे दिया। उन्होंने मेरे पापा की गर्दन पकड़ रखी थी। मैंने देखा था कि उनका सिर्फ मास्क नीचे था। मेरे पापा सर, सर करते रहे पर पुलिस वाले मारते रहे।
दरअसल, इंदौर की एक मार्मिक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जहां खाकी पर ऐसे दाग लगे हैं जो किसी भी तरह से नहीं मिट सकते। घटना इंदौर के परदेशीपुरा थाना क्षेत्र की है जहां खाकी ने अपनी इज्जत को खाक में मिलाकर एक बेटे के सामने उसके पिता की पिटाई की। पुलिस के आला अधिकारियों ने मास्क नहीं पहनने वाले के आपराधिक रिकॉर्ड निकालकर टेबल के नीचे अपना मुंह छिपाने की कोशिश की और दोनों पुलिसकर्मियों को बेदखल करने के बजाय उन्हें एसपी ऑफिस में अटैच कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली।हमेशा की तरह पुलिस अपने जवानों का पक्ष लेते दिखी। पुलिस अधीक्षक इंदौर पूर्व आशुतोष बागरी ने बताया कि इस घटना में हमने 2 पुलिसकर्मी को एसपी लाइन में अटैच किया है। ये जो फरियादी हैं, वो नशा करता है और अपराधी भी है। उसका रिकॉर्ड देखा है। इसके पहले का वीडियो काट कर डाला गया है जो सही वीडियो है वो अभी आया नहीं है। पहले उसने हमारे पुलिसकर्मी की वर्दी पकड़ी थी इसके बाद हमारे जवानों ने उस को पकड़ा था। दरअसल, घटना इंदौर के परदेशीपुरा थाना क्षेत्र के फिरोज गांधी नगर मालवा मिल चौराहे की है जहां कृष्णा कुंजिर नामक युवक की दो पुलिस जवानों कमल प्रजापत और धर्मेंद्र जाट ने जमकर मारपीट की। इस दौरान उसका मासूम बेटा पिता को न पीटने की गुहार लगाता रहा लेकिन पुलिस की गुंडागर्दी सरेराह जारी रही। इधर, पुलिस के आला अधिकारी खाकी पर लगे दाग को धोते नजर आ रहे हैं और उल्टा पीड़ित को स्मैक का नशाखोर बताते हुए उसके पुराने अपराधों का बचाव में इस्तेमाल कर रहे। दरअसल, खाकी कितना ही बचाव इस मामले में कर ले लेकिन उसे ये पता नहीं कि, ये मानवाधिकारों का हनन है जो खुद कानून की तमाम धाराओं की जानकार है।कृष्णकांत कुंजिर ने बताया कि मुझे मारा गया, मेरा मास्क नीचे था। पुलिस ने मेरी एक बात नहीं सुनी। मुझे चोट लगी है पर वो माने नहीं और मारना चालू कर दिया। मैंने बहुत कोशिश की पर वो मारते रहे। मुझे चोट भी लगी है। पीड़ित के बेटे यश कुंजिर ने बताया कि मेरे दादा जी जो हॉस्पिटल में भर्ती हैं। हम पापा के साथ उनका टिफिन लेकर जा रहे थे, तभी पुलिस ने मेरे पापा को बहुत मारा। मेरी एक बात नहीं सुनी। उनका सिर्फ मास्क नीचे था। मैंने उनको बचाने की कोशिश की तो मुझे भी धक्का दे दिया। उन्होंने मेरे पापा की गर्दन पकड़ रखी थी। मैंने देखा था कि उनका सिर्फ मास्क नीचे था। मेरे पापा सर, सर करते रहे पर पुलिस वाले मारते रहे।