देश / हर्षवर्धन ने बताया, किन मरीज़ों को हो सकता है म्यूकरमाइकोसिस

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया है कि ब्लैक फंगल इन्फेक्शन म्यूकरमाइकोसिस दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त या वोरिकोनाज़ोल थेरेपी ले रहे लोगों को और अनियंत्रित मधुमेह या स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से इम्युनिटी कमज़ोर होने पर हो सकता है। उनके मुताबिक, लंबे समय तक आईसीयू में रहने वाले मरीज़ इस फंगल इन्फेक्शन की चपेट में आ सकते हैं।

Vikrant Shekhawat : May 15, 2021, 02:24 PM
नई दिल्ली: कोरोनावायरस देश और दुनियां में अपनी चेन फैला चुका है। इस वायरस के बदलते स्वरूप और उसके प्रभाव से लोग बेहद परेशान हैं। देश भर में कोरोना के मरीज़ों में तेजी से ब्लैक फंगस यानि म्यूकरमाइकोसिस के मामले सामने आ रहे हैं। लोग ब्लैक फंगस से परेशान हैं, लोगों की परेशानी को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को ट्वीट करके लोगों को सलाह दी है कि किस तरह इस संक्रमण में अपनी देखरेख खुद करें। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि किस तरह जागरूकता और शीघ्र निदान फंगल संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है। ट्वीट में इस बीमारी का पता लगाने और इसे रोकने का तरीका बताया गया है।

परेशान करने वाली यह दुर्लभ किस्म की बीमारी कोरोना से उभरे मरीजों में तेजी से पनप रही है। सबसे पहले भारत में गुजरात और राजस्थान में इस तरह के मामले सामने आए, लेकिन अब इसका प्रकोप उत्तर भारत में भी देखने को मिल रहा है।

क्या है म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस?

ट्वीट में लोगों को जानकारी देने के लिए बताया गया है कि क्या है ब्लैक फंगस? यह बीमारी उन लोगों को होती है जिनको पहले से ही कुछ मेडिकल प्रोब्लम है, जिसकी वजह से पर्यावरण में मौजूद संक्रमण से लड़ने की उनकी क्षमता कम होती है। खासकर डायबिटीज़ के मरीज़ों में वातावरण में मौजूद रोगजनक वायरस, बैक्टीरिया या दूसरेपैथोजन्स से लड़ने की क्षमता कम होती है।

ब्लैक फंगस से कोई भी संक्रामित कैसे होता है?

ट्वीट में दूसरी विंडो में बताया गया है कि कोई भी किस तरह इस बीमारी से संक्रामित होता है। ऐसे लोग जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त है, जिनकी वेरिकोनाज़ोल थेरेपी यानि जिनका किसी गंभीर फंगल इन्फेक्शन का इलाज चल रहा हो, जिनकी डायबिटीज कंट्रोल में नहीं हैं, स्टेरायड देने की वजह से इम्यूनिटी पर असर हुआ हो और जो लंबे वक्त से आईसीयू में रहे हैं, उन्हें ये फंगल इन्फेक्शन जल्दी हो सकता है।

क्या करें:

आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो हाइपरग्लाइसीमिया यानी खून में शर्करा की मात्रा को कंट्रोल करें।

कोविड से रिकवर होने के बाद डायबिटीज़ में ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को मॉनिटर करते रहें

स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल समझदारी से करें

ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान ह्यूमिडीफायर्स में साफ, स्टराइल पानी का इस्तेमाल करें

एंटीबायोटिक्स या एंटी फंगल दवाइयों का इस्तेमाल सोच समझकर करें

कुछ सावधानियां जरूर बरतें:

संक्रमण के लक्षणों को नजरअंदाज न करें

बंद नाक के हर मामले में यह न समझें कि यह बैक्टीरियल साइनसाइटिस की वजह से है, खासकर ऐसे मरीजों में जिनकी मेडिकेशन के वजह से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हुई है

फंगल इंफेक्शन का पता लगाने के लिए बड़े कदम उठाने से हिचकिचाएं नहीं

म्यूकरमाइकोसिस हो तो इसका इलाज शुरू करने में देर नहीं करें।