NDTV : Oct 24, 2019, 01:54 PM
Haryana Election Results | हरियाणा में भले ही पूरे चुनाव परिणाम न आए हों लेकिन यहां BJP की स्थिति पिछले चुनाव की तुलना में खराब दिख रही है. आलम यह है कि हरियाणा सरकार में मंत्री रहे कैप्टन अभिमन्यु समेत कुल सात मंत्री पीछे चल रहे हैं. हरियाणा विधानसभा चुनाव के अभी तक के रुझानों में BJP को जबरदस्त झटका लगा है. राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती दिख रही है. बहुमत के लिए आवश्यक 46 सीटों को भी बीजेपी हासिल नहीं कर पा रही है. कांग्रेस को 16 सीटों का फायदा दिख रहा है जबकि दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी 12 सीटों पर आगे चल रही है. इंडियन नेशनल लोक दल से अलग होकर दुष्यंत चौटाला ने नई पार्टी का गठन किया और पहली बार 12 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है. अगर अभी तक के रुझान परिणाम में बदले तो हरियाणा में कोई भी एक दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होगी. और यह भी लगभग तय हो गया है कि हरियाणा में दुष्यंत चौटाला के बगैर किसी की सरकार भी नहीं बन पाएगी. रुझानों में मिली बढ़त के बाद कांग्रेस ने अभी से सियासी समीकरण दुरूस्त करने शुरू कर दिए है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दुष्यंत चौटाला के संपर्क में बने हुए हैं. हालांकि दुष्यंत चौटाला ने एनडीटीवी इंडिया से खास बातचीत में कहा कि उनके साथ के बगैर प्रदेश में किसी की भी सरकार नहीं बन सकती.उधर, जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला के अनुसार उनकी पार्टी इस बार हरियाणा (Haryana Election) में नई सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने हरियाणा में सरकार बनाने की कोशिश शुरू कर दी है और पार्टी की ओर से JJP नेता दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया गया है. लेकिन चौटाला सीएम पद के लिए अड़े हुए हैं. बताया जा रहा है कि बुधवार को दुष्यंत चौटाला और दीपेंद्र हुड्डा के बीच मुलाकात की है. हालांकि बीजेपी भी दुष्यंत चौटाला को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है.कांग्रेस को अब फैसला करना होगा कि क्या वह बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए वह दुष्यंत चौटाला को सीएम बनाने के लिए तैयार हो जाएगा. लेकिन यह कांग्रेस के लिए फैसला आसान नहीं होगा और क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा जिन्होंने हरियाणा में कांग्रेस के लिए जमकर मेहनत की है और वह सरकार में शामिल न हों और अगर वह शामिल हों तो दुष्यंत चौटाला से जूनियर बनकर काम करें. हालांकि अभी हरियाणा में तस्वीर साफ होने थोड़ा और वक्त लग सकता है. लेकिन यह विश्लेषण के लिए है कि हरियाणा जैसे राज्य जहां बहुत बड़ी संख्या में सेना और सुरक्षाबल में काम करते हैं, क्या उन पर भी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ है और इसी के दम पर बीजेपी दावा कर रही थी कि उसे राज्य में 75 सीटें ज्यादा मिलेंगी.