Zee News : Apr 23, 2020, 11:56 AM
Coronavirus: कोरोना वायरस (coronavirus) ने लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसने बहुत सी चीजों से जुड़ी मानवीय धारणाओं को भी बदल दिया है। खाना भी उसी में से एक है। इस महामारी ने हमारे खाने-पीने की आदतों को भी बदल दिया है।अब ज्यादातर लोगों ने मांसाहार त्याग दिया है। कोरोना वायरस के प्रकोप के तुरंत बाद ही सोशल मीडिया पर एक अफवाह तेजी से फैली। लोगों ने कहा कि कोरोना वायरस मांस खाने की वजह से निकला। इस अफवाह को सच इसलिए भी माना गया क्योंकि लोगों का विश्वास था कि मनुष्यों में कोरोना वायरस चमगादड़ों के जरिए ही आया। चलिए एक बार मान लेते हैं कि चमगादड़ वाली बात सही है, तो क्या इसका मतलब यह है कि मांसाहारी लोग ज्यादा खतरे में हैं?जवाब है ना।विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि मांस सुरक्षित है, जब तक कि इसे अच्छी तरह से साफ और ठीक से पकाया नहीं जाता। लेकिन अब प्लांट बेस्ड प्रोटीन की मांग बढ़ रही है। और अनुमान लगाया जा सकता है कि ऐसा क्यों है। मांस से जुड़े भ्रम की वजह से ही इसकी मांग बढ़ रही है।मीट का विकल्प बनानी वाली कंपनियों ने अपनी बिक्री में 70 फीसदी की बढ़ोतरी की बात कही है। डेविड यूंग का ग्रीन मॉन्डी समूह इन्हीं में से एक है, उनका कहना है, "कोरोना वायरस पहला नहीं है, और दुख की बात है कि यह आखिरी भी नहीं होगा, जब तक कि हम अपने खाने पीने की आदतों को बदल नहीं लेते।"एक और ट्रेंड है, स्वस्थ भोजन पर जोर देना। कोरोना वायरस ने लाखों लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया है। लोगों की खरीदारी की आदतें देखें तो पता चलता है कि अब लोग फल और सब्जियां ज्यादा ले रहे हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले भोजन में भी लोगों की रुचि बढ़ रही है।और आखिर में, इस महामारी में हम अपना खाना खुद बना रहे हैं। ज्यादातर लोग न केवल स्वस्थ भोजन कर रहे हैं, बल्कि घर पर ही खा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ट्रेंड अब बना रहेगा। हालांकि यह खबर रेस्त्रां उद्योग के लिए अच्छी नहीं है। अकेले भारत में ही 4,23,865 करोड़ रुपये दांव पर हैं, साथ ही 700,000 नौकरियां भी।खाद्य उद्योग की दुनिया में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। आपूर्ति बढ़ा दी गई है।