खुशखबरी / एक इंसान के शरीर में अपने-आप ठीक हुआ HIV, उम्मीद जगी

दुनिया में पहला ऐसा मामले सामने आया है जिसमें HIV बिना किसी इलाज के ठीक हो गया है। एक इंसान के इम्यून सिस्टम ने ही इस वायरस को पूरी तरह ख़त्म कर दिया है और अब ये संक्रमित शख्स ठीक है। इस मामले से पूरी दिया के वैज्ञानिक न सिर्फ हैरान हैं बल्कि इसे ही HIV के इलाज की महत्वपूर्ण कड़ी भी मान रहे हैं।

News18 : Sep 01, 2020, 03:53 PM
Delhi: दुनिया में पहला ऐसा मामले सामने आया है जिसमें HIV बिना किसी इलाज के ठीक हो गया है। एक इंसान के इम्यून सिस्टम ने ही इस वायरस को पूरी तरह ख़त्म कर दिया है और अब ये संक्रमित शख्स ठीक है। इस मामले से पूरी दिया के वैज्ञानिक न सिर्फ हैरान हैं बल्कि इसे ही HIV के इलाज की महत्वपूर्ण कड़ी भी मान रहे हैं। 

 26 अगस्त को साइंस मैगजीन नेचर में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इस मरीज के शरीर में HIV के सक्रिय वायरस नहीं है। इसका मतलब ये है कि यह HIV से संक्रमित हुआ और खुद-ब-खुद ठीक भी हो गया। जब ये केस सामने आया तो उसके बाद डॉक्टरों ने शरीर में मौजूद 1।5 बिलियन यानी 150 करोड़ कोशिकाओं की जांच की। इस मरीज को EC2 नाम दिया गया था

बता दें कि HIV इससे पहले दो बार लोगों के शरीर में बोन मैरो ट्रांसप्लांट करने के बाद ठीक हो चुका है। इसके बाद भी शरीर में HIV वायरस शरीर में बेहद तेजी से कम हुआ था और लौट कर नहीं आया। लेकिन शरीर का इम्यून सिस्टम अपने आप HIV से लड़कर उसे खत्म कर दे, वह भी बिना किसी बाहरी मदद के। ऐसा केस पहली बार सामने आया है। 

एक दूसरे आदमी की भी जांच की गई। इसका नाम EC1 है। इसके शरीर की 100 करोड़ कोशिकाओं की जांच की गई तो इसके शरीर में सिर्फ एक सक्रिय वायरस पाया गया। लेकिन वह भी जेनेटिकली निष्क्रिय है। यानी इन दोनों इंसानों के शरीर का जेनेटिक्स ऐसा है जिसकी वजह से ये दोनों HIV की सक्रियता को खत्म कर दे रहे हैं।

इतनी जांच के बाद वैज्ञानिकों ने इन दोनों को एलीट कंट्रोलर्स (EC) का नाम दिया है। एलीट कंट्रोलर्स का मतलब होता है कि वो लोग जिनके शरीर में HIV है लेकिन पूरी तरह निष्क्रिय या फिर इतनी कम मात्रा में जिसे किसी दवा के बगैर ठीक किया जा सकता है। इन लोगों के शरीर में HIV के लक्षणों या उससे होने वाले नुकसान भी नहीं देखे गए।

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में HIV पर शोध करने वाले सत्या दांडेकर ने कहा कि यह कुछ महीनों या सालों की बात नहीं दिखती। यह बहुत ज्यादा समय में विकसित होने वाला इम्यून सिस्टम दिख रहा है। दुनिया के 3।50 करोड़ लोग HIV से संक्रमित हैं। इनमें 99।50 फीसदी ऐसे मरीज हैं जिन्हें हर रोज एंटीरेट्रोवायरल दवा यानी HIV की दवा लेनी पड़ती है। बिना दवा के इस बीमारी पर नियंत्रण लगभग असंभव है। 

सत्या के मुताबिक अभी तक किसी भी साइंटिस्ट ने एलीट कंट्रोलर्स के इम्यून सिस्टम और HIV के बीच होने वाले संघर्ष को रिकॉर्ड किया हो या उसकी रिपोर्ट तैयार की हो। हम सभी ने इंसानी शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम के HIV पर होने वाले पहले हमले पर ध्यान नहीं दिया है। इसलिए जब तक कोई एलीट कंट्रोलर घोषित किया जाता है, तब तक वह HIV को हरा चुका होता है। 

वैज्ञानिक ये भी मान रहे हैं कि शायद इन दोनों इंसानों के शरीर में HIV का कमजोर वायरस हो। साइंटिस्ट ने 64 एलीट कंट्रोलर्स के शरीर पर HIV संक्रमण का अध्ययन किया। इनमें से 41 लोग ऐसे थे जो एंटीरेट्रोवायरल दवा ले रहे थे। लेकिन मरीज EC2 ने कोई दवा नहीं ली और उसके शरीर में HIV पूरी से निष्क्रिय है।