Vikrant Shekhawat : Oct 01, 2020, 09:14 AM
नई दिल्ली: टिमोथी रे ब्राउन बीमारी से उबरने वाले पहले एचआईवी मरीज थे लेकिन अब कैंसर से मर गए हैं। इंटरनेशनल एड्स सोसाइटी ने यह जानकारी दी। ब्राउन ने एचआईवी जैसी खतरनाक बीमारी से उबरने के बाद 10 साल पहले इतिहास बनाया था और दुनिया में 'बर्लिन पेशेंट' के नाम से मशहूर हो गए।
उनके निधन पर IAS की अध्यक्ष आदिबा कमरुलजमैन ने कहा, 'हमारी सोसायटी के सभी सदस्यों की ओर से हम टिमाथी की पार्टनर टिम, उसके परिवार और दोस्तों के लिए संवेदनाएं जताते हैं। हम टिमाथी और उनके डॉक्टर गेरो हटर के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने यह बताया कि एचआईवी का इलाज संभव है और वैज्ञानिकों के लिए इसके इलाज को लेकर संभावनाओं के द्वार खोले।'
अपनी मृत्यु के कुछ महीने पहले उन्हें ल्यूकेमिया हुआ था। जिसके बाद उनका इलाज कैलिफोर्निया के पाम स्प्रिंग्स में भी हुआ।
डॉक्टरों को लगा कि इस तरह के स्टेम सेल से ब्राउन को एचआईवी और कैंसर दोनों से राहत मिलेगी। इसके लिए, डॉक्टरों ने दो बहुत कठिन और खतरनाक ऑपरेशन किए और उनका तरीका भी सफल रहा। आखिरकार, 2008 में, ब्राउन दोनों बीमारियों से पूरी तरह से उबर गया और तब से 'बर्लिन रोगी' के रूप में प्रसिद्ध हो गया।