Canada-USA News / ट्रूडो हुए जीत से गदगद... अमेरिका को कह दिया- हमारा देश नहीं ले सकते

21 फरवरी को बॉस्टन में हुए आइस हॉकी मुकाबले में कनाडा ने अमेरिका को 3-2 से हराया। मैच के बाद यह मुकाबला सियासी रंग ले गया। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा, "खेल नहीं जीत सकते, देश कैसे जीतोगे?"

Canada-USA News: भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतिद्वंद्विता माना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में एक और मुकाबला इस श्रेणी में शुमार हो चुका है—कनाडा और अमेरिका के बीच आइस हॉकी का टकराव। खासतौर पर जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने, तब से दोनों देशों के संबंधों में जो तनाव बढ़ा, वह खेल के मैदान में भी नजर आने लगा। इसी का नतीजा था 21 फरवरी को बॉस्टन में खेले गए रोमांचक आइस हॉकी मैच के बाद उपजा सियासी बवाल।

खेल के बाद सियासत गर्म

बॉस्टन में हुए 4 नेशंस फेस ऑफ लीग के फाइनल में कनाडा ने अमेरिका को 3-2 से मात दी। यह हार महज एक खेली गई बाज़ी नहीं थी, बल्कि इसने राजनीतिक हलकों में भी भूचाल ला दिया। जीत के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तंज कसते हुए कहा, "ट्रंप खेल नहीं जीत पाए, भला देश कैसे जीतेंगे?" उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई और अमेरिका-कनाडा के बीच पहले से चली आ रही राजनीतिक तनातनी को और बढ़ा दिया।

हॉकी में हार, ट्रूडो का ट्रंप पर वार

कनाडा की इस रोमांचक जीत में स्टार खिलाड़ी कॉनर मैक्डेविड ने अंतिम क्षणों में निर्णायक गोल दागा, जिससे पूरा स्टेडियम कनाडाई समर्थकों के नारों से गूंज उठा। पीएम ट्रूडो भी अपनी कुर्सी से उछल पड़े और अपनी टीम के खिलाड़ियों को गले लगाकर इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाया।

जीत के बाद ट्रूडो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
"तुम हमारा देश नहीं ले सकते, तुम खेल में भी मुकाबला नहीं कर सकते!"
उन्होंने आगे कहा, "हॉकी हमारे खून, हमारे दिल और हमारे इतिहास में बसी हुई है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप देश के किस हिस्से से हैं, यह जीत पूरे कनाडा की जीत है। हमें अपनी टीम पर गर्व है!"

आइस हॉकी में बढ़ती दुश्मनी

कनाडा और अमेरिका के बीच आइस हॉकी की प्रतिद्वंद्विता वर्षों पुरानी है, लेकिन ट्रंप के सत्ता में आने के बाद यह सिर्फ खेल तक सीमित नहीं रही। ट्रंप ने जब अमेरिका के 51वें राज्य के रूप में कनाडा को शामिल करने की विवादास्पद घोषणा की थी, तभी से दोनों देशों के संबंधों में तल्खी बढ़ गई। इस दुश्मनी की झलक आइस हॉकी मुकाबलों में भी दिखाई देने लगी।

20 फरवरी को ह्यूस्टन में हुए एक मैच के दौरान अमेरिकी दर्शकों ने कनाडा के राष्ट्रगान का अपमान किया और हूटिंग शुरू कर दी। यह कदम कनाडा के उन प्रशंसकों के जवाब में था जिन्होंने 15 फरवरी को टोरंटो में अमेरिका के राष्ट्रगान के दौरान हूटिंग की थी। दोनों देशों के प्रशंसकों के इस व्यवहार ने खेल को कड़वी राजनीतिक लड़ाई में बदल दिया।

फाइनल जीत के बाद ट्रंप पर सीधा हमला

21 फरवरी के फाइनल मुकाबले के बाद ट्रूडो ने न सिर्फ खेल के नतीजे को अपनी सरकार की जीत के रूप में पेश किया, बल्कि ट्रंप पर सीधा हमला भी किया। ट्रंप ने इस मैच को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन व्हाइट हाउस के सूत्रों का कहना है कि वह इस हार से नाराज थे। अमेरिकी मीडिया ने भी इसे सिर्फ एक हार से ज्यादा बताया और इसे दोनों नेताओं के बीच बढ़ती व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता से जोड़ा।

खेल से आगे, रिश्तों में तनाव

यह मुकाबला दिखाता है कि कैसे खेल और राजनीति एक-दूसरे से अलग नहीं रह सकते। भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच की तरह अब कनाडा-अमेरिका का आइस हॉकी मुकाबला भी महज एक खेल नहीं रह गया है, बल्कि यह दो देशों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा और राजनीतिक तनाव का प्रतीक बन चुका है। इस जीत के बाद कनाडा के प्रशंसकों में जहां जबरदस्त उत्साह है, वहीं अमेरिका के खेल प्रेमियों को अपनी टीम की हार पचाना मुश्किल हो रहा है।