AajTak : Apr 22, 2020, 11:07 AM
दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और डॉक्टरों से बात की और उनसे सांकेतिक विरोध प्रदर्शन न करने की अपील की है। उन्होंने डॉक्टरों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है। मेडिकल स्टाफ पर हो रहे हमलों के विरोध में डॉक्टर आज सांकेतिक प्रदर्शन करने वाले हैं।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों के साथ बातचीत की। अमित शाह ने डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे अपील की कि वे उनके द्वारा प्रस्तावित प्रतीकात्मक विरोध को न करें, सरकार उनके साथ है।
क्या है मामला
दरअसल, देश के अलग-अलग हिस्सों में मेडिकल स्टाफ पर हुए हमले से डॉक्टर नाराज हैं और वह सख्त केंद्रीय स्पेशल कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। आईएमए लंबे समय से डॉक्टरों से मारपीट करने वालों के खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने की मांग करता रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2019 में एक ड्राफ्ट जारी कर डॉक्टरों पर हमले के आरोपी को 10 साल की जेल और 10 लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान भी किया था। इस ड्राफ्ट को कानून और वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन मामला गृह मंत्रालय ने अटका दिया था। उसका कहना था कि अलग से कानून नहीं बनाया जा सकता है।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों के साथ बातचीत की। अमित शाह ने डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे अपील की कि वे उनके द्वारा प्रस्तावित प्रतीकात्मक विरोध को न करें, सरकार उनके साथ है।
क्या है मामला
दरअसल, देश के अलग-अलग हिस्सों में मेडिकल स्टाफ पर हुए हमले से डॉक्टर नाराज हैं और वह सख्त केंद्रीय स्पेशल कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। आईएमए लंबे समय से डॉक्टरों से मारपीट करने वालों के खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने की मांग करता रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2019 में एक ड्राफ्ट जारी कर डॉक्टरों पर हमले के आरोपी को 10 साल की जेल और 10 लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान भी किया था। इस ड्राफ्ट को कानून और वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन मामला गृह मंत्रालय ने अटका दिया था। उसका कहना था कि अलग से कानून नहीं बनाया जा सकता है।