Vikrant Shekhawat : Aug 04, 2024, 01:50 PM
Israel-Iran War: इजरायल और फिलिस्तीन की लड़ाई अब और ज्यादा बढ़ गई है। फिलिस्तीन के हमास संगठन के प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत के बाद से मिडिल ईस्ट के बाकी देश भी इजरायल के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। इजरायल के खिलाफ लड़ाई में ईरान और हमास के साथ लेबनान भी कूद पड़ा है। इजरायल पर लेबनान के हिजबुल्ला संगठन ने कई रॉकेट भी दाग दिए हैं। हमास के प्रमुख हानिया की मौत के बाद से इजरायल पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या कैसे हुई है? इजरायल ने छोटी दूरी के रॉकेट से किया हमलाइस पर ईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड ने शनिवार को कहा कि इजरायल ने छोटी दूरी के रॉकेट से हमास नेता इस्माइल हानिया को निशाना बनाया है। उसने अमेरिका पर इस हमले में इजरायल का समर्थन करने का आरोप भी लगाया है। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने इजरायल से हानिया की मौत का बदला लेने का फैसला किया है। 7 किलोग्राम के बारूद से लैस था ये रॉकेटईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड ने कहा कि बुधवार को राजधानी तेहरान में हमास के राजनीतिक प्रमुख हानिया के आवास को निशाना बनाने के लिए 7 किलोग्राम के बारूद से लैस रॉकेट का सहारा लिया गया। रिवोल्यूशनरी गार्ड ने हमले से बड़े पैमाने पर तबाही मचने का दावा किया। राष्ट्रपति की शपथ में हिस्सा लेने तेहरान आए थे हानियाहालांकि, उसने यह नहीं बताया कि तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हानिया का आवास कहां था? मालूम हो कि हानिया ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए ईरान में था। हानिया की हत्या में अमेरिका ने इजरायल का साथ दियारिवोल्यूशनरी गार्ड ने कहा, 'इजरायल ने हमले की योजना बनाई और इसे अंजाम तक पहुंचाया। इस काम में अमेरिका ने उसका साथ दिया। उसने धमकी दी कि 'युद्धोन्मादी और आतंकवादी जायोनी शासन को उचित समय, स्थान और पैमाने पर कठोर सजा मिलेगी।' पिछले साल अक्टूबर में इजरायल ने लिया था संकल्पबता दें कि इजराइल ने हानिया की हत्या में न तो अपनी भूमिका होने से इनकार किया है, न ही इसे स्वीकार किया है। हालांकि, उसने पिछले साल 7 अक्टूबर को उसके दक्षिणी क्षेत्र में हुए अप्रत्याशित हमले के बाद हानिया और अन्य हमास नेताओं को मार गिराने का संकल्प लिया था। अब हो सकती है इजरायल और ईरान में सीधी लड़ाईहानिया की हत्या से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर संघर्ष छिड़ने और तेहरान के जवाबी कार्रवाई करने की सूरत में इजरायल तथा ईरान के सीधी लड़ाई में उलझने की आशंका बढ़ गई है। अप्रैल में ईरान ने इजरयल को सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन से निशाना बनाने की कोशिश की थी। ईरान हमास और हिजबुल्लाह संगठनों का करता है समर्थनहालांकि, इजरायल ने इनमें से 99 फीसदी हमलों को नाकाम करने का दावा किया था। ईरान इजरायल को मान्यता नहीं देता है। वह इजरायल विरोधी उग्रवादी समूहों-फिलिस्तीन के हमास और लेबनाना के हिजबुल्लाह का समर्थन करता है।