- भारत,
- 10-Apr-2025 11:40 AM IST
- (, अपडेटेड 10-Apr-2025 10:53 AM IST)
Israel-Iran Conflict: एक बार फिर वैश्विक राजनीति में हलचल मचाने वाला बयान सामने आया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक तीखी चेतावनी दी है। उनका इशारा स्पष्ट था—यदि ईरान ने अपने न्यूक्लियर प्रोजेक्ट को नहीं रोका, तो सैन्य कार्रवाई से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस बार उन्होंने सीधे इजरायल को ‘अगुवा’ बताते हुए संभावित हमले की जिम्मेदारी उसकी ओर मोड़ी है।
ट्रंप की कड़ी चेतावनी: इजरायल निभाएगा अगुवाई की भूमिका
अपने बयान में ट्रंप ने साफ कहा, “अगर इसके लिए सेना की आवश्यकता होगी तो हम वह भी करेंगे। इसमें स्पष्ट रूप से इजरायल बहुत अधिक शामिल होगा। वो इसके नेता होंगे। लेकिन, कोई भी हमारा नेतृत्व नहीं करता है और हम वही करते हैं जो हम करना चाहते हैं।”
इस बयान से यह साफ संकेत मिलता है कि अमेरिका भले ही खुलकर सैन्य कार्रवाई न करे, लेकिन इजरायल को आगे कर अपने हितों की रक्षा करता रहेगा।
बातचीत से ठीक पहले आया बयान
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब ओमान में अमेरिका और ईरान के अधिकारियों के बीच संभावित वार्ता की उम्मीदें जताई जा रही हैं। ट्रंप इसे प्रत्यक्ष बातचीत बता रहे हैं, वहीं ईरान इसे परोक्ष बातचीत करार दे रहा है। इस मतभेद के बीच ट्रंप का यह तीखा बयान आने वाली बातचीत पर असर डाल सकता है।
अमेरिका की चिंता: ईरान के नजदीक आता 'परमाणु बटन'
अमेरिका लंबे समय से इस बात को लेकर चिंतित है कि ईरान अब पहले से कहीं ज़्यादा प्रभावशाली और कारगर परमाणु हथियारों के करीब पहुंच गया है। ट्रंप का यह दावा कि “अगर बातचीत असफल रही, तो ईरान बड़े खतरे में पड़ जाएगा,” वैश्विक मंच पर दबाव की रणनीति का हिस्सा लगता है।
क्या फिर छिड़ेगा पश्चिम एशिया में तनाव?
इतिहास गवाह है कि अमेरिका और ईरान के रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं। ट्रंप का यह बयान केवल एक कूटनीतिक संकेत नहीं, बल्कि संभावित सैन्य हस्तक्षेप की बुनियाद भी बन सकता है। इजरायल की भूमिका को सामने लाकर अमेरिका ने एक तरह से सैन्य गठजोड़ की नींव भी रख दी है।