Apollo 11 Mission / नहीं पड़े थे चंद्रमा पर 53 साल पहले इंसानी कदम! अब हुआ ये खुलासा

20 जुलाई का दिन मानव जाति के लिए छोटा सा लेकिन दूरगामी कदम था. आज से 53 साल पहले इंसान ने विशाल छलांग लगाते हुए चंद्रमा की धरती तक पहुंच बनाई थी. नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर चलने वाले पहले व्यक्ति बने थे. इसे दुनिया की अब तक की सबसे प्रतिष्ठित अंतरिक्ष यात्रा मिशन माना जाता है. हालांकि, इस मिशन को लेकर कुछ साल बाद ही अफवाहें फैलने लगी थी. यह साबित करने की कोशिश की गई थी कि मिशन एक धोखा था

Vikrant Shekhawat : Jul 20, 2022, 08:59 PM
Apollo 11 space Mission Anniversary: 20 जुलाई का दिन मानव जाति के लिए छोटा सा लेकिन दूरगामी कदम था. आज से 53 साल पहले इंसान ने विशाल छलांग लगाते हुए चंद्रमा की धरती तक पहुंच बनाई थी. नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर चलने वाले पहले व्यक्ति बने थे. इसे दुनिया की अब तक की सबसे प्रतिष्ठित अंतरिक्ष यात्रा मिशन माना जाता है. हालांकि, इस मिशन को लेकर कुछ साल बाद ही अफवाहें फैलने लगी थी. यह साबित करने की कोशिश की गई थी कि मिशन एक धोखा था, अमेरिका को सोवियत संघ के खिलाफ अंतरिक्ष की दौड़ में जीत दिखाने के लिए एक सेट-अप था.

तीन लोगों की बनी थी टीम

'डेली स्टार' की रिपोर्ट के अनुसार, अपोलो-11 अंतरिक्ष यान 53 साल पहले 20 जुलाई 1969 को चांद पर उतरा था. अंतरिक्ष यात्रियों की टीम तीन लोगों से बनी थी. इनमें मिशन कमांडर नील आर्मस्ट्रांग, चंद्र मॉड्यूल पायलट एडविन 'बज़' एल्ड्रिन और कमांड मॉड्यूल पायलट माइकल कॉलिन्स शामिल थे.

चांद की जमीन पर नहीं उतरे माइकल 

नील चांद पर कदम रखने वाले पहले इंसान थे, उसके बाद बज थे. माइकल को वास्तव में कभी भी चंद्रमा पर चलने के लिए नहीं मिला, बल्कि अपने सहयोगियों के मिशन को पूरा करने की प्रतीक्षा करते हुए चंद्रमा के चारों ओर अकेले उड़ान भरी थी.

क्यों लहरा रहा था झंडा?

हालांकि, चंद्रमा की सतह पर अमेरिकी झंडे को लहराते हुए दिखाई देने के बाद अफवाहों को बल मिला था कि आखिर कैसे चांद पर झंडा लहरा रहा था. वास्तव में, नासा ने अपने अंतरिक्ष यात्रियों को विशेष झंडे दिए, जो एक अच्छी तस्वीर लेने के लिए सुनिश्चित करने के लिए क्षैतिज रूप से आकार में थे. चूंकि चंद्रमा पर कोई हवा नहीं है और एक सामान्य झंडा ढीला होता है. इन झंडों में आकार बनाए रखने में मदद करने के लिए एक डंडा था. अपोलो 11 के यात्रियों को डंडे को आगे करने में परेशानी हुई, जिसके कारण झंडा मुड़ा हुआ दिखाई देता है.

फोटो में नहीं दिखे तारे

वहीं, अपोलो मिशन-11 को अफवाह बताने को इस बात से भी बल मिला कि फोटो में कहीं भी तारे नहीं दिखाई दे रहे हैं. चांद में उतरने की तस्वीरों में तारों के न होने से काफी लोग हैरान भी थे. हालांकि, ऐसा इसलिए हुए क्योंकि फोटो दिन के दौरान ली गई थी. सूरज की रोशनी को हेलमेट से और चंद्रमा की सतह पर प्रतिबिंबित करने वाली तस्वीरों में देखा जा सकता है और सूर्य की रोशनी में तारे नहीं दिखाई देते हैं.

कहां रखा था कैमरा

फोटो में कोई कैमरा नहीं दिखाई दे रहा है, ऐसा इसलिए है क्योंकि नील आर्मस्ट्रांग कैमरा पकड़े हुए नहीं घूम रहे थे, यह उनके सूट से जुड़ा हुआ था. तस्वीरें लेने को आसान बनाने के लिए विशेष रूप से फिट किया गया था.