धर्म / अगर आप 11 अगस्त को मना रहे रक्षा बंधन, तो जान लें ये खास बातें

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर बहनें भाई के कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। बहन के राखी बांधने के बदले में भाई सदैव रक्षा का वचन देता है। इस साल रक्षा बंधन की तारीख को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति है।

Vikrant Shekhawat : Aug 10, 2022, 06:54 PM
Raksha Bandhan 2022 Date and Muhurat: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर बहनें भाई के कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। बहन के राखी बांधने के बदले में भाई सदैव रक्षा का वचन देता है। इस साल रक्षा बंधन की तारीख को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति है। कुछ पंडित राखी का त्योहार 11 अगस्त को बता रहे हैं तो कुछ 12 अगस्त को राखी बांधना बेहद उत्तम बता रहे हैं। इस साल राखी के पर्व पर भद्रा का साया भी रहेगा। ऐसे में अगर आप 11 अगस्त को रक्षा बंधन मना रहे हैं तो जान लें ये खास बातें-

11 या 12 अगस्त कब मनाएं रक्षा बंधन-

पूर्णिमा तिथि व भद्राकाल के कारण लोगों के बीच असमजंस की स्थिति है। लेकिन इस विषय पर मौटे तौर पर कहा जाए तो आप दोनों दिन राखी का त्योहार मना सकते हैं। दिवाकर पंचांग के अनुसार, 11 अगस्त, गुरुवार को चंद्रमा मकर राशि व भद्रा पाताललोक में होने से भद्रा का परिहार होगा। 11 अगस्त को प्रदोषकाल में रात 18 बजकर 20 मिनट से 21 बजकर 50 मिनट तक राखी का त्योहार मनाना चाहिए। हालांकि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, यह त्योहार उदयातिथि में मनाने की परंपरा है। ऐसे में 12 अगस्त को उदयकालिक पूर्णिमा में भी राखी बांध सकते हैं।

प्रदोष काल में रक्षा बंधन शुभ

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, प्रदोष काल में रक्षा बंधन मनाना अति शुभ रहेगा। प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद करीब ढाई घंटे का समय बेहद शुभ माना गया है। दिवाली पर इसी काल में लक्ष्मी पूजन किया जाता है। होलिका व रावण दहन भी प्रदोष काल में किए जाने का विधान है।

11 अगस्त को राखी बांधने के शुभ मुहूर्त-

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 11 अगस्त, गुरुवार को चंद्रमा मकर राशि का होने से भद्रावास स्वर्ग में है ऐसे में यह दिन राखी का त्योहार मनाने के लिए योग्य है। शास्त्रों के अनुसार, जब भद्रा का वास पृथ्वी लोक में होता है तब इसे अशुभ माना जाता है। 12 अगस्त को पूर्णिमा सुबह 07 बजकर 17 मिनट तक है। जबकि 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 09 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी। ऐसे में गुरुवार को पूर्णिमा तिथि शुरू होने के बाद यानी 09:30 बजे से राखी का त्योहार मनाया जाएगा।

11 अगस्त को इन शुभ मुहूर्त में बांधे राखी-

11 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। अमृत काल दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से दोपहर 03 बजकर 47 मिमट तक रहेगा।