Vikrant Shekhawat : Aug 19, 2024, 09:07 AM
Raksha Bandhan: आज रक्षाबंधन का त्योहार है. इस त्योहार की हिंदू धर्म में बहुत महत्ता है और ये भाई-बहन के बीच अटूट रिश्ते का प्रतीक है. जब भी राखी का त्योहार आता है इस बात की चर्चा शुरू हो जाती है कि राखी बांधने का शुभ मुहूर्त कब है. राखी के त्योहार में सारा खेल ही शुभ मुहूर्त का है. बाकी समय का आज के दिन कोई विशेष महत्व नहीं. तो आइये जानते हैं कि इस बार बहनों को भाई की कलाई में राखी बांधने के लिए कितना वक्त मिलेगा और किन-किन शुभ मुहूर्त में आज राखी बांधी जा सकती है.ये हैं दो शुभ मुहूर्तसाल 2024 रक्षाबंधन में राखी बांधने का पहला शुभ मुहूर्त दोपहर में शुरू होगा. तब तक बहनों को भाई की कलाई में राखी बांधने के लिए इंतजार करना होगा. इस बार भद्रकाल का समय रात 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा जो दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक चलेगा. ये वो समय है जब राखी बांधना अशुभ माना जाता है. 1 बजकर 46 मिनट पर पहला शुभ मुहूर्त शुरू होगा. ये मुहूर्त शाम को 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. इस लिहाज से देखा जाए तो इस बार राखी बांधने के लिए बहनों को 2 घंटा 33 मिनट का समय मिलेगा. इसके अलावा दूसरा शुभ मुहूर्त शाम को प्रदोष काल में बन रहा है. शाम को 6 बजकर 55 मिनट पर प्रदोष काल शुरू होगा जो शाम को 9 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. ये भी राखी बांधने का शुभ मुहूर्त माना जाता है.रक्षाबंधन की परंपरारक्षाबंधन का त्योहार भारत में काफी समय से मनाया जाता रहा है. महाभारत की कथा के अनुसार द्रौपदी ने कृष्ण की चोट को ठीक करने के लिए अपने वस्त्र से कपड़ा फाड़कर बांधा था. इस बात से कृष्ण काफी खुश हुए थे और उन्होंने द्रौपदी की रक्षा की जिम्मेदारी ले ली थी. तभी से रक्षाबंधन का त्योहार मनाने की परंपरा शुरू हुई. एक कथा राजा बलि और भगवान विष्णु से जुड़ी हुई है. इसके अलावा और भी कई सारी मान्यताएं रक्षाबंधन को लेकर रही हैं.2024 में राखी किस समय बांधनी है?
- सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 19 अगस्त 2024 को सुबह 3 बजकर 4 मिनट से
- पूर्णिमा तिथि समाप्त- 19 अगस्त 2024 को रात 11 बजकर 55 मिनट पर
- राखी बांधने का शुभ मुहूर्त- 19 अगस्त को दोपहर पहर 1 बजकर 30 मिनट से रात 9 बजकर 08 मिनट तक
- भद्रा आरंभ- 19 अगस्त को सुबह 05 बजकर 53 मिनट से
- भद्रा समाप्त- दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर
- रक्षाबंधन के दिन प्रात:काल उठकर स्नान करें और पूरे घर में गंगाजल छिड़कें।
- स्नान के बाद सूर्य देव को जल देते समय अपने कुल देवता का स्मरण करें और उनका आशीर्वाद लें।
- राखी की थाली में तांबे या पीतल की थाली में राखी, दीया, अक्षत, कलश, सिन्दूर, मिठाई और रोली रखें।
- राखी बांधते समय इस बात का ध्यान रखें कि भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर हो।
- सबसे पहले भाई के माथे पर तिलक लगाएं और फिर भाई की कलाई पर राखी बांधें।
- बहनें भाई के दाहिने हाथ पर ही राखी बांधें। इसके बाद बहन और भाई एक दूसरे को मिठाई खिलाएं।
- येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबलः । तेन त्वाम प्रति बच्चामि रक्षे, मा चल मा चल।