विदेश / मैं एक अमेरिकी नागरिक हूं लेकिन भारत मेरे अंदर गहराई से बसा हुआ है: सुंदर पिचाई

गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई से बीबीसी के एक इंटरव्यू में पूछा गया कि वह एक अमेरिकी हैं या एक भारतीय। इस पर पिचाई ने कहा, "मैं एक अमेरिकी नागरिक हूं लेकिन भारत मेरे अंदर गहराई से बसा हुआ है...मैं जो भी हूँ, यह (इंडिया) उसका बहुत बड़ा भाग है।" पिचाई ने 2004 में गूगल जॉइन किया था।

Vikrant Shekhawat : Jul 13, 2021, 08:42 AM
वाशिंगटन: तमिलनाडु में पैदा हुए और चेन्नई में पले-बढ़े गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि भारत की जड़ें उनमें गहरी हैं और वह आज जो कुछ भी हैं भारत उनका एक बड़ा हिस्सा है। कैलिफ़ोर्निया की सिलिकॉन वैली में Google हेडक्वार्टर में बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार में, पिचाई ने फ्री और ओपन इंटरनेट के लिए खतरे समेत कई विषयों पर बात की।

'अमेरिकी नागरिक हूं लेकिन भीतर बसा है भारत'

49 वर्षीय पिचाई से जब उनके रूट्स के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं एक अमेरिकी नागरिक हूं लेकिन भारत मेरे भीतर बसा हुआ है। इसलिए मैं जो भी हूं भारत उसका एक बड़ा हिस्सा है।" आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस पर बात करते हुए पिचाई ने कहा- 'मैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सबसे ताकतवर टेक्नोलॉजी के रूप में देखता हूं, जिसे इनसान विकसित करेगा और उस पर काम करेगा। अगर आप आग या बिजली या इंटरनेट के बारे में सोचें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वैसा ही है।'

'फ्री और ओपन इंटरनेट पर हो रहा हमला'

पिचाई से पूछा गया कि क्या सर्विलांस पर आधारित इंटरनेट का चीनी मॉडल बढ़ रहा है? पिचाई ने कहा कि फ्री और ओपन इंटरनेट पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने सीधे चीन का जिक्र किए बिना कहा: "हमारे प्रमुख प्रोडक्ट्स और सर्विस में से कोई भी चीन में उपलब्ध नहीं है।"

'टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन अपनाएं'

टैक्स के विवादास्पद मुद्दे पर उन्होंने कहा: "हम दुनिया के सबसे बड़े टैक्स पेयर्स में से एक हैं, अगर आप पिछले एक दशक में औसतन देखें, तो हमने टैक्स में 20 प्रतिशत से अधिक का भुगतान किया है। पिचाई ने आगे कहा "हम अमेरिका में अपने टैक्स के अधिकांश हिस्से का भुगतान करते हैं,  जहां हमारे प्रोडक्ट्स डेवलप होते हैं। इसके अलावा जब पिचाई से उनकी पर्सनल टेक हेबिट्स के बारे में भी पूछा गया तो उन्होंने सभी को "टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन" अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।