कोरोना वायरस / भारत ने कोविड-19 की स्थिति में सुधार होने तक रेमडेसिविर के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध

भारत ने रविवार को देश में कोविड-19 की स्थिति में सुधार होने तक रेमडेसिविर इंजेक्शन और इसके ऐक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने कहा कि आने वाले दिनों में रेमडेसिविर की मांग में और वृद्धि होने की संभावना है और इसने (सरकार) घरेलू निर्माताओं से इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए संपर्क किया है।

Vikrant Shekhawat : Apr 11, 2021, 09:21 PM
नई दिल्ली: केंद्र ने देश में कोविड महामारी की स्थिति में सुधार होने तक रेमडेसिविर इन्‍जेक्‍शन और इसे बनाने में काम आने वाले औषधीय घटकों के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कहा है कि भारत में कोविड महामारी के मामलों में अचानक तेज बढोतरी दिखाई दी है और इस समय देशभर में सक्रिय रोगियों की संख्‍या 11 लाख से अधिक है। 

इससे कोविड रोगियों के इलाज में काम आने वाले इंजेक्‍शन रेमडेसिविर की मांग भी बडी तेजी से बढी है। मंत्रालय ने कहा है कि आने वाले दिनों में इसकी मांग में और तेजी आ सकती है।

मंत्रालय ने कहा है कि रेमडेसिविर के सभी घरेलू निर्माताओं को सलाह दी गई है कि वे अपने वेबसाइट पर इस दवा के स्‍टॉकिस्‍टों और वितरकों का ब्‍योरा दें ताकि इसे आसानी से प्राप्‍त किया जा सके। मंत्रालय ने कहा है कि औषधि निरीक्षक और अन्‍य अधिकारियों को स्‍टॉक का सत्‍यापन करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्‍हें धांधली और गलत तौर-तरीकों पर नजर रखने तथा जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कारगर कार्रवाई करने को भी कहा गया है। 

राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव औषधि निरीक्षकों के साथ स्थिति की समीक्षा करेंगे। मंत्रालय ने कहा है कि औषधि विभाग घरेलू निर्माताओं के साथ संपर्क बनाए हुए है और रेमडेसिविर का उत्‍पादन बढाने के प्रयास कर रहा है।

केंद्र सरकार ने भी राज्‍यों को सलाह दी है कि विशेषज्ञों के परामर्श से कोविड-19 संबंधी बर्तमान राष्‍ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल का विकास किया गया है और इसके अनुसार रोगियों का इलाज किया जा रहा है।

इस प्रोटोकॉल में रेमडेसिविर को नैदानिक चिकित्‍सा में काम आने वाली दवा के रूप में दर्ज किया गया है जिसके बारे में साझा निर्णय लेना आवश्‍यक है। राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि इन कदमों की जानकारी सभी सरकारी और निजी अस्‍पतालों को फिर से दी जानी चाहिए और इन पर अमल सुनिश्चित किया जाना चाहिए।  

भारत में सात कंपनियां रेमडेसिविर इन्‍जेक्‍शन का उत्‍पादन करती हैं। इनकी मासिक उत्‍पादन क्षमता 48 लाख 80 हजार यूनिट है।