Auto / लॉन्च हुआ भारत का पहला सीएनजी से चलने वाला ट्रैक्टर

देश का पहला CNG ट्रैक्टर लॉन्च हो गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस ट्रैक्टर पर से पर्दा हटाया। इस ट्रैक्टर को रावमैट टेक्नो सॉल्यूशन्स और टॉमासेटो ऐशिल इंडिया की साझेदारी में बनाया गया है। खास बात यह है कि इस रेट्रोफिटेड सीएनजी ट्रैक्टर को डीजल इंजन वाले ट्रैक्टर से बनाया गया है। सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि इस ट्रैक्टर से किसानों की लागत कम होगी.

Vikrant Shekhawat : Feb 14, 2021, 10:31 AM
देश का पहला CNG ट्रैक्टर लॉन्च हो गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस ट्रैक्टर पर से पर्दा हटाया। इस ट्रैक्टर को रावमैट टेक्नो सॉल्यूशन्स और टॉमासेटो ऐशिल इंडिया की साझेदारी में बनाया गया है। खास बात यह है कि इस रेट्रोफिटेड सीएनजी ट्रैक्टर को डीजल इंजन वाले ट्रैक्टर से बनाया गया है। सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि इस ट्रैक्टर से किसानों की लागत कम होगी, जहां वो हर साल 1.5 लाख रुपये तक की बचत कर सकते हैं।


किसानों को होगी 1.5 लाख रुपये तक की बचत

ट्रैक्टर को पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सीएनजी के साथ रेट्रोफिटेड डीजल ट्रैक्टर किसानों की लागत कम करने में बड़ा योगदान देंगे। गडकरी के दावे के मुताबिक हर साल एक किसान डीजल पर 3 लाख से 3.5 लाख रुपये तक खर्च करता है। ऐसे में सीएनजी ट्रैक्टर का इस्तेमाल करके वह सालाना 1.5 लाख रुपये तक की बचत कर सकता है।

पर्यावरण का दोस्त है सीएनजी ट्रैक्टर

डीजल के मुकाबले सीएनजी ट्रैक्टर 50 फीसदी से भी कम कार्बन उत्सर्जन करेगा। ऐसे में पर्यावरण के लिए यह डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले बहुत बेहतर है।

मैनटेनेंस पर होगी बचत

डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले रेट्रोफिटेड सीएनजी ट्रैक्टर के रख रखाव पर बहुत कम खर्च आएगा। ऐसे में मैनटेनेंस को लेकर भी किसानों के खर्चे कम होंगे।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों के टेंशन से मिलेगा छुटकारा

रेट्रोफिटेड सीएनजी ट्रैक्टर का इस्तेमाल करने वाले किसानों के लिए सबसे बड़ी राहत यह है कि अब उन्हें पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

बढ़ेगी इंजन की लाइफ

रेट्रोफिटेड सीएनजी ट्रैक्टर के इंजन की लाइफ डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले कहीं ज्यादा होती है।

अतिरिक्त कमाई करने का मिलेगा मौका

बायो-सीएनजी का उत्पादन करने में पराली का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में किसान बायो सीएनजी प्रोडक्ट्स की यूनिट्स को बेचकर पैसा कमा सकते हैं।