देश / चीन-पाक के खिलाफ भारत को मिला 'महाबली' शस्त्र, पंजाब में होने जा रही तैनाती

पकिस्तान (Pakistan) के नापाक इरादों पर पानी फेरने के लिए भारत ने दुनिया के सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम रूस के S-400 की तैनाती की तैयारी शुरू कर दी है. इसकी पहली खेप में मिले सिस्टम को इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) अगले महीने पंजाब के एक एयरबेस पर तैनात करेगी. इसके लगने से पाकिस्तान की सीमा पर किसी भी नापाक कोशिश को नाकाम किया जा सकेगा.

Vikrant Shekhawat : Jan 02, 2022, 11:28 AM
चंडीगढ़: पकिस्तान (Pakistan) के नापाक इरादों पर पानी फेरने के लिए भारत ने दुनिया के सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम रूस के S-400 की तैनाती की तैयारी शुरू कर दी है. इसकी पहली खेप में मिले सिस्टम को इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) अगले महीने पंजाब के एक एयरबेस पर तैनात करेगी. इसके लगने से पाकिस्तान की सीमा पर किसी भी नापाक कोशिश को नाकाम किया जा सकेगा.

6 सप्ताह में चालू होगा S-400

सूत्रों के मुताबिक इस सिस्टम को पूरी तरह लगाने में कम से कम छह सप्ताह और लगेंगे. मिसाइल सिस्टम की पहली रेजिमेंट को इस तरह से तैनात किया जा रहा है कि जिससे उत्तरी क्षेत्र में चीन (China) की सीमा के कुछ हिस्सों के साथ पूरे पाकिस्तानी बॉर्डर को कवर किया जा सकेगा.

दुनिया के सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम माने जाने वाले S-400 से हवा में भारत की ताकत अभेद्य हो जाएगी. ये सिस्टम 400 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन की मिसाइल, ड्रोन और एयरक्राफ्ट को हवा में ही नष्ट कर सकता है. इसमें सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक समेत 4 तरह की मिसाइलें शामिल हैं. जो 400 किमी तक निशाना भेदने में अचूक हैं. इसे दुनिया का सबसे एडवांस डिफेंस सिस्टम माना जाता है.

मल्टिपल टारगेट्स को करता है डिटेक्ट

S-400 की सबसे बड़ी खासियत इसका मोबाइल होना है. यानी, रोड के जरिए इसे कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है. इसमें 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार लगा हुआ है जो करीब 600 किलोमीटर की दूरी से ही मल्टिपल टारगेट्स को डिटेक्ट कर सकता है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह सिस्टम कमांड मिलने के 5 से 10 मिनट में ही ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाता है. एस-400 की एक यूनिट से एक साथ 160 ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक किया जा सकता है. 

400 किमी तक बना देता है सुरक्षा घेरा

एक टारगेट के लिए 2 मिसाइल लॉन्च की जा सकती हैं. भारत को जो सिस्टम मिल रहा है, उसकी रेंज 400 किलोमीटर है. यानी, ये 400 किलोमीटर दूर से ही अपने टारगेट को डिटेक्ट कर काउंटर अटैक कर सकता है. साथ ही यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी अपने टारगेट पर अटैक कर सकता है. इस डिफेंस सिस्टम में सर्विलांस रडार लगा होता है, जो अपने ऑपरेशनल एरिया के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा घेरा बना लेता है. जैसे ही इस घेरे में कोई मिसाइल या दूसरा वेपन एंटर करता है, रडार उसे डिटेक्ट कर लेता है और कमांड व्हीकल को अलर्ट भेज देता है. अलर्ट मिलते ही गाइडेंस रडार टारगेट की पोजिशन पता कर काउंटर अटैक के लिए मिसाइल लॉन्च करता है.

भारत-रूस में 40 हजार करोड़ की डील

भारत ने रूस से S-400 की 5 बैटरी के लिए डील की है. यह पूरी खरीद 40 हजार करोड़ रुपये की है. S-400 एक एयर डिफेंस सिस्टम है, यानी ये हवा के जरिए हो रहे अटैक को रोकता है. ये दुश्मन देशों के मिसाइल, ड्रोन, राकेट लॉन्चर और फाइटर जेट्स के हमले को रोकने में कारगर है. इसे रूस के एलमाज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने बनाया है. इसकी गिनती दुनिया के बेहद आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम में होती है. भारत और रूस के बीच S-400 की 5 यूनिट के लिए 2018 में डील हुई थी.