Vikrant Shekhawat : Dec 27, 2020, 05:53 PM
Delhi: 2025 तक, भारत ब्रिटेन से आगे निकल जाएगा और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यही नहीं, यह अनुमान है कि 2030 तक, भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। दरअसल, कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है। जिसके कारण, वर्ष 2020 में, भारतीय अर्थव्यवस्था एक स्थान खिसक कर छठे स्थान पर आ गई है। 2019 में भारत ब्रिटेन में 5 वें स्थान पर पहुंच गया।
ब्रिटेन के प्रमुख आर्थिक अनुसंधान संस्थान सेंटर फॉर इकोनॉमिक एंड बिज़नेस रिसर्च (CEBR) की वार्षिक रिपोर्ट कहती है कि भारत महामारी की राह में थोड़ा खो गया है। इसका नतीजा यह है कि भारत 2019 में ब्रिटेन से आगे निकलने के बाद इस साल ब्रिटेन से पिछड़ गया है। रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन 2024 तक आगे रहेगा, लेकिन उसके बाद भारत आगे बढ़ेगा। ऐसा लगता है कि 2020 में यूके रुपये के कमजोर होने के कारण भारत के साथ फिल से ऊपर चला गया। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2021 में भारत की वृद्धि 9 प्रतिशत और 2022 में 7 प्रतिशत होगी।सीईबीआर का कहना है कि यह स्वाभाविक है कि जैसे-जैसे भारत आर्थिक रूप से अधिक विकसित होगा, देश की विकास दर धीमी हो जाएगी और 2035 तक यह घटकर 5.8 प्रतिशत पर आ जाएगी।आर्थिक विकास दर की इस अनुमानित दिशा के अनुसार, भारत 2025 में ब्रिटेन, 2027 में जर्मनी और 2030 में जापान अर्थव्यवस्था के आकार में आगे निकल जाएगा। संस्थान की भविष्यवाणी है कि चीन 2028 में अमेरिका से आगे निकल जाएगा और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। संस्थान ने कहा है कि कोरोना वायरस से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो गई थी। गौरतलब है कि 2019 में भारत की विकास दर 4.2 प्रतिशत थी, जो कि 10 वर्षों की न्यूनतम वृद्धि थी।
ब्रिटेन के प्रमुख आर्थिक अनुसंधान संस्थान सेंटर फॉर इकोनॉमिक एंड बिज़नेस रिसर्च (CEBR) की वार्षिक रिपोर्ट कहती है कि भारत महामारी की राह में थोड़ा खो गया है। इसका नतीजा यह है कि भारत 2019 में ब्रिटेन से आगे निकलने के बाद इस साल ब्रिटेन से पिछड़ गया है। रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन 2024 तक आगे रहेगा, लेकिन उसके बाद भारत आगे बढ़ेगा। ऐसा लगता है कि 2020 में यूके रुपये के कमजोर होने के कारण भारत के साथ फिल से ऊपर चला गया। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2021 में भारत की वृद्धि 9 प्रतिशत और 2022 में 7 प्रतिशत होगी।सीईबीआर का कहना है कि यह स्वाभाविक है कि जैसे-जैसे भारत आर्थिक रूप से अधिक विकसित होगा, देश की विकास दर धीमी हो जाएगी और 2035 तक यह घटकर 5.8 प्रतिशत पर आ जाएगी।आर्थिक विकास दर की इस अनुमानित दिशा के अनुसार, भारत 2025 में ब्रिटेन, 2027 में जर्मनी और 2030 में जापान अर्थव्यवस्था के आकार में आगे निकल जाएगा। संस्थान की भविष्यवाणी है कि चीन 2028 में अमेरिका से आगे निकल जाएगा और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। संस्थान ने कहा है कि कोरोना वायरस से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो गई थी। गौरतलब है कि 2019 में भारत की विकास दर 4.2 प्रतिशत थी, जो कि 10 वर्षों की न्यूनतम वृद्धि थी।