देश / भारत को अगले 5 सालों में होगी 9488 पायलटों की जरूरत: हरदीप सिंह पुरी

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि अगले पांच वर्षों में भारत में अनुमानित 9,488 पायलटों की आवश्यकता होगी। पुरी ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा, "वर्तमान में संचालित विमानों के साथ देश में कार्यरत पायलटों की कुल संख्या 9,073 है। उन्होंने कहा कि विमानन नियामक DGCA द्वारा एक वर्ष में 700-800 वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस जारी किए जाते हैं।

News18 : Sep 22, 2020, 06:38 AM
नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री (Civil Aviation Minister) हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने सोमवार को कहा कि अगले पांच वर्षों में भारत में अनुमानित 9,488 पायलटों की आवश्यकता होगी। पुरी ने राज्यसभा ( Rajya Sabha) में एक लिखित जवाब में कहा, "वर्तमान में संचालित विमानों के साथ देश में कार्यरत पायलटों (Pilots) की कुल संख्या 9,073 है।" उन्होंने कहा कि विमानन नियामक DGCA द्वारा एक वर्ष में 700-800 वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (CPL) जारी किए जाते हैं। पुरी ने कहा कि इनमें से 30 प्रतिशत सीपीएल (CPL) उन लोगों को दिए जाते हैं, जिन्होंने किसी विदेशी संगठन (Foreign organisation) में प्रशिक्षण लिया है।

विमानन क्षेत्र (Aviation sector) को कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) ने काफी प्रभावित किया है। इसलिए, सभी घरेलू वाहक पिछले कुछ महीनों में वेतन में कटौती, छंटनी या छुट्टी जैसे विभिन्न लागत-कटौती उपायों को लागू कर चुके हैं। वहीं केंद्र सरकार (Central Government) ने तीन एयरपोर्ट पर सुविधाएं बढ़ाने और विकास कार्यों (Up-gradation & Development) के लिए 108 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री (Civil Aviation Minister) हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि छत्‍तीसगढ़ के जगदलपुर एयरपोर्ट (Jagdalpur Airport) को अपग्रेड करने के लिए 48 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। वहीं, अंबिकापुर एयरपोर्ट (Ambikapur Airport) के लिए 27 करोड़ रुपये और बिलासपुर एयरपोर्ट (Bilaspur Airport) पर विकास कार्यो व अपग्रेडेशन के लिए 33 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।


राज्‍यसभा को बताया, वंदे भारत मिशन के तहत क्‍यों नहीं दिए मुफ्त टिकट

छत्‍तीसगढ़ के इन तीनों एयरपोर्ट को ये रकम केंद्र सरकार की उड़ान योजना (UDAN Scheme) के तहत दिया गया है। केंद्रीय मंत्री पुरी ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्‍यसभा को दिए लिखित जवाब में स्‍पष्‍ट किया कि वंदे भारत मिशन के तहत मुफ्त टिकट क्‍यों नहीं दिए गए। उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से एयरलाइंस की वित्तीय हालत पहले ही खराब है। अगर मिशन के तहत उड़ानों में मुफ्त टिकट की पेशकश की जाती तो एयर इंडिया समेत सभी भारतीय एयरलाइंस की आर्थिक हालत पर ज्‍यादा बुरा असर पड़ता।