Vikrant Shekhawat : May 21, 2022, 08:00 PM
नई दिल्ली। भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी आर प्रागनंदा ने साल में दूसरी बार विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हरा दिया। 16 साल के ग्रैंडमास्टर प्रागनंदा ने चेसेबल मास्टर्स ऑनलाइन रैपिड चेस टूर्नामेंट में नॉर्वे के कार्लसन को मात दी। कमाल की बात है कि प्रागनंदा ने महज 3 महीने में दूसरी बार कार्लसन पर जीत दर्ज की।
टूर्नामेंट के 5वें राउंड का मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था लेकिन वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन की एक चाल उन पर भारी पड़ गई। उन्हें अपनी इसी गलती के कारण हार झेलनी पड़ी। जीत के बावजूद प्रागनंदा खुश नजर नहीं आए। चेन्नई के रहने वाले प्रागनंदा ने मुकाबले के बाद कहा, ‘मैं इस तरह से जीतना नहीं चाहता था।’इस जीत के साथ भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रागनंदा अब लीडरबोर्ड में 5वें स्थान पर पहुंच गए हैं। कार्लसन 12 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर हैं और चीन के वेई यी टूर्नामेंट के दूसरे दिन के अंत में 18 अंकों के साथ शीर्ष पर हैं। साल 2016 में प्रागनंदा सबसे कम उम्र में इंटरनेशनल मास्टर्स जीतने वाले खिलाड़ी बन गए थे। तब उनकी उम्र 10 साल 10 महीने और 19 दिन थी।2013 में वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप अंडर-8 खिताब जीतने वाले प्रागनंदा ने इस साल फरवरी में एयरथिंग्स मास्टर्स ऑनलाइन रैपिड टूर्नामेंट में भी कार्लसन को मात दी थी। वह विश्वनाथन आनंद और हरिकृष्णा के बाद किसी भी टाइम फॉर्मेट में कार्लसन को हराने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बने थे।
टूर्नामेंट के 5वें राउंड का मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था लेकिन वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन की एक चाल उन पर भारी पड़ गई। उन्हें अपनी इसी गलती के कारण हार झेलनी पड़ी। जीत के बावजूद प्रागनंदा खुश नजर नहीं आए। चेन्नई के रहने वाले प्रागनंदा ने मुकाबले के बाद कहा, ‘मैं इस तरह से जीतना नहीं चाहता था।’इस जीत के साथ भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रागनंदा अब लीडरबोर्ड में 5वें स्थान पर पहुंच गए हैं। कार्लसन 12 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर हैं और चीन के वेई यी टूर्नामेंट के दूसरे दिन के अंत में 18 अंकों के साथ शीर्ष पर हैं। साल 2016 में प्रागनंदा सबसे कम उम्र में इंटरनेशनल मास्टर्स जीतने वाले खिलाड़ी बन गए थे। तब उनकी उम्र 10 साल 10 महीने और 19 दिन थी।2013 में वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप अंडर-8 खिताब जीतने वाले प्रागनंदा ने इस साल फरवरी में एयरथिंग्स मास्टर्स ऑनलाइन रैपिड टूर्नामेंट में भी कार्लसन को मात दी थी। वह विश्वनाथन आनंद और हरिकृष्णा के बाद किसी भी टाइम फॉर्मेट में कार्लसन को हराने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बने थे।