Vikrant Shekhawat : Oct 13, 2021, 08:10 AM
नई दिल्ली: इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने ग्लोबल ग्रोथ के लिए इस साल के अपने अनुमान को कम कर दिया है। IMF का कहना है कि सप्लाई से जुड़ी बाधाओं के चलते विकसित देशों और महामारी की स्थिति बिगड़ने से कम आय वाले अर्थव्यवस्था में विकास की गति प्रभावित होगी। हालांकि आईएमएफ ने भारत के आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी के अनुमान में किसी तरह की गिरावट नहीं की है।IMF ने अपनी हालिया वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में ग्लोबल आर्थिक विकास दर के 5.9 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है। यह उसके जुलाई के 6 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा कम है। हालांकि आईएमएफ ने 2022 में ग्लोबल आर्थिक विकास दर के 4.9 प्रतिशत अनुमान को उसी पर बरकरार रखा है।IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने एक ब्लॉग में कहा, "कम आय वाले विकासशील देशों के समूह के लिए महामारी की बिगड़ती स्थिति ने चुनौतियां बढ़ा दी है। इसके अलावा हालिया डाउनग्रेड विकसति देशों के समूह के शॉर्ट-टर्म में अवधि में कठिन स्थिति को दर्शाता है।"हालांकि अच्छी खबर यह है कि IMF ने मौजूदा और अगले वित्त वर्ष दोंनों के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को बरकरार रखा है। आईएमएफ के मुताबिक भारत की मौजूदा वित्त वर्ष में रियल जीडीपी 9.5 पर्सेंट रह सकती है। वहीं वित्त वर्ष 2023 में इसके 8.5 पर्सेंट की दर से बढ़ने का अनुमान है।वहीं दूसरी ओर IMF ने चीन की अर्थव्यवस्था में मौजूदा वित्त वर्ष में मामूली गिरावट आने का अनुमान जताया है। IMF ने कहा कि चीन की जीडीपी मौजूदा वित्त वर्ष में 8 प्रतिशत रह सकती है। यह भारत के 9.5 प्रतिशत जीडीपी अनुमान के कम है।