Henley Passport Index / भारतीय घूमेंगे बिना वीजा 57 देश, जानिए कैसे तय हुई पासपोर्ट की रैंकिंग

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में इस साल सिंगापुर के पासपोर्ट को सबसे पावरफुल बताया गया है. इसके जरिए यहां के लोग दुनिया के 227 देशों में से 192 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकेंगे. लगातार 5 साल से टॉप पोजिशन पर रहने वाला जापानी पासपोर्ट तीसरे पायदान पर पहुंच गया है. जापानी पासपोर्ट से 189 देशों में वीजा-फ्री यात्रा की जा सकेंगी. पिछले कुछ सालों के मुकाबले भारत की रैंकिंग में सुधार देखा गया है. पिछले साल यह 85वें पायदान

Vikrant Shekhawat : Jul 20, 2023, 08:40 AM
Henley Passport Index: हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में इस साल सिंगापुर के पासपोर्ट को सबसे पावरफुल बताया गया है. इसके जरिए यहां के लोग दुनिया के 227 देशों में से 192 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकेंगे. लगातार 5 साल से टॉप पोजिशन पर रहने वाला जापानी पासपोर्ट तीसरे पायदान पर पहुंच गया है. जापानी पासपोर्ट से 189 देशों में वीजा-फ्री यात्रा की जा सकेंगी. पिछले कुछ सालों के मुकाबले भारत की रैंकिंग में सुधार देखा गया है. पिछले साल यह 85वें पायदान पर था जो अब पांच अंकों के सुधार के साथ 80वीं रैंकिंग तक पहुंच गया है.

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पासपोर्ट ताकतवर कैसे बनता है, इसका क्या मतलब है, कैसे इसकी रैंकिंग तय होती है और भारत की रैंकिंग में क्यों सुधार हुआ?

क्या है पासपोर्ट के ताकतवर होने का मतलब?

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, किसी देश के पासपोर्ट के ताकतवर होने का मतलब है कि वहां के लोग बिना वीजा सबसे अधिक देशों में यात्रा कर सकते हैं. जैसे- सिंगापुर का पासपोर्ट सबसे अधिक पावरफुल और यहां के लोग सबसे ज्यादा 192 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं. इसी तरह दूसरे पायदान पर जर्मनी, इटली और स्पेन हैं और इस पासपोर्ट से 190 देशों में वीजा-फ्री ट्रैवल कर सकते हैं.

कैसे तय होती है पासपोर्ट की रैंकिंग?

पासपोर्ट की रैंकिंग को तैयार करने का काम लंदन की इमिग्रेशन कंसल्टेंसी हेनली एंड पार्टनर्स करती है. यही एजेंसी हर साल रैंकिंग जारी करती है. रैंकिंग किस आधार पर तय होती है, अब इसे भी समझ लेते हैं.

हेनली एंड पार्टनर्स कंसल्टेंसी की पासपोर्ट रैंकिंग इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) की तरफ से जारी होने वाले डाटा के आधार पर करती है. रैंकिंग के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं. जैसे- कोई देश किसी दूसरे देश के लोगों को अपने यहां बिना वीजा के एंट्री देता है तो उस मेहमान देश को 1 पॉइंट दिया जाता है. वीजा ऑन अरावल और विदेश यात्रा से जुड़े ऐसे ही कई फैक्टर और देशों के आपसी सम्बंध भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं. जो तय करते हैं कि आपके देश की पासपोर्ट रैंकिंग मजबूत होगी या कमजोर.

इसके अलावा हर देश में वीजा के लिए अलग-अलग गाइडलाइन होती है, जो देश इसे पूरा करता है उसे वीजा आसानी से मिलता है. कौन से देश उस मांग को पूरा कर पाते हैं. यह फैक्टर भी इंडेक्स की रैंकिंग में अहम रोल अदा करता है.

भारत की रैंकिंग कैसे सुधरी?

भारत की बात करें तो हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में हमारा पासपोर्ट 80वें पायदान पर है. भारतीय दुनिया के 57 देशों में बिना वीजा या वीजा ऑन अरावल के जरिए यात्रा कर सकते हैं. वीजा ऑन अराइवल का मतलब है किसी देश में पहुंचने पर मिलने वाला वीजा.मीडिया रिपोर्ट में देशों के साथ बेहतर होते भारत के सम्बंध और बढ़ती इकोनॉमी का दायरा भारत पासपोर्ट के मजबूत होने की बड़ी वजह है.

सबसे कमजोर पासपोर्ट

दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्ट रैकिंग वाले देशोंं अफगानिस्तान (103), इराक (102), सीरिया (101), पाकिस्तान (100) और यमन (103) शामिल हैं. इस तरह देखें तो अफगानिस्तान का पासपोर्ट दुनिया का सबसे कमजोर पासपोर्ट है.