मध्य प्रदेश / नाक से हटा मास्क तो पुलिस ने की बर्बरता, सड़क पर गिराकर पीटा

कोरोना महामारी को रोकने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंशिंग जैसे नियमों का पालन करना अनिवार्य है। राज्य सरकारों ने इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश भी दिया है, लेकिन मध्य प्रदेश में दो पुलिसकर्मी कानूनी कार्रवाई की बजाय बर्बरता पर उतर आए। इंदौर में ठीक तरीके से मास्क नहीं पहनने को लेकर एक ऑटो चालक को सड़क पर गिराकर बुरी तरह पीटा गया।

Vikrant Shekhawat : Apr 07, 2021, 09:08 AM
मध्य प्रदेश | कोरोना महामारी को रोकने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंशिंग जैसे नियमों का पालन करना अनिवार्य है। राज्य सरकारों ने इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश भी दिया है, लेकिन मध्य प्रदेश में दो पुलिसकर्मी कानूनी कार्रवाई की बजाय बर्बरता पर उतर आए। इंदौर में ठीक तरीके से मास्क नहीं पहनने को लेकर एक ऑटो चालक को सड़क पर गिराकर बुरी तरह पीटा गया। दोनों पुलिसकर्मियों ने उसे लात और घूसों से बेरहमी से पीटा। पुलिस की बर्बरता का यह वीडियो वायरल हो गया है।

35 वर्षीय ऑटो चालक कृष्णा केयेर अपने बीमार पिता से मिलने के लिए अस्पताल जा रहे थे। उन्होंने मास्क तो पहना था लेकिन यह नाक के नीचे आ गया था। यह देखकर दो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और उसे पुलिस थाने चलने को कहा। ऑटो चालक ने जब इससे इनकार किया तो पुलिसकर्मियों ने वहीं उसकी पिटाई शुरू कर दी। सड़क पर खड़े किसी शख्स ने इसका वीडियो बना लिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। 

वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों पुलिसकर्मी ऑटो चालक को बीच सड़क पर गिराकर पीट रहे हैं। ऑटो चालक का बेटा अपने पिता को बचाने के लिए चीखता और रोता है। लेकिन पुलिसकर्मी काफी देर तक बर्बरता करते रहे। मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों का नाम कमल प्रजापति और धर्मेंद्र जाट बताया जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद इन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। हाल ही में देश के अन्य हिस्सों से इस तरह की तस्वीरें आई हैं, जहां कोरोना नियमों का पालन कराने के लिए पुलिसकर्मी ही कानूनों का उल्लंघन करते नजर आए।

इंदौर में सोमवार को 805 लोग संक्रमित पाए गए। इससे यहां सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 5875 तक पहुंच गई है। जिले में अब तक कुल 74,029 कोरोना संक्रमित सामने आए हैं। इन संक्रमितों में से उपचार के बाद 67,177 स्वस्थ करार दिए जा चुके हैं, जबकि उपचार के दौरान कुल 977 संक्रमितों को बचाया नहीं जा सका।