Tata Jewellery Company: खाने-पीने की चीजों की बढ़ती कीमतों से लेकर सोने-चांदी के ऊंचे दाम तक, महंगाई ने आम आदमी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यह स्थिति केवल आम जनता की जेब पर ही भारी नहीं पड़ी है बल्कि इससे बड़े कारोबारी समूह भी प्रभावित हुए हैं। टाटा ग्रुप की प्रमुख कंपनी टाइटन के मुनाफे में भी इसका असर साफ दिखाई दे रहा है। इस साल की दूसरी तिमाही में टाइटन का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 23 प्रतिशत घटा है।
टाइटन का मुनाफा घटकर 704 करोड़ रुपए पर पहुंचा
टाइटन के कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह मुनाफा घटकर 704 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 916 करोड़ रुपए था। दूसरी ओर, कंपनी की सेल्स में 25.82 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है, जो पिछले साल की तिमाही में 10,708 करोड़ रुपए थी और इस साल 13,473 करोड़ रुपए हो गई। इसके बावजूद, कंपनी के मुनाफे में गिरावट का मुख्य कारण उसके बढ़ते खर्च हैं। टाइटन के कुल खर्च में 20.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे यह 13,709 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
ज्वैलरी बिजनेस में बढ़ोतरी लेकिन वीयरेबल्स में गिरावट
टाइटन कंपनी ज्वैलरी के क्षेत्र में तनिष्क ब्रांड के तहत काम करती है और इसका ज्वैलरी बिजनेस इस तिमाही में 15.25 प्रतिशत बढ़कर 12,771 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। जुलाई में गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी में की गई कटौती से कंपनी के तनिष्क बिजनेस को फायदा हुआ। इसके अलावा, इस दौरान कंपनी ने देशभर में तनिष्क के 11 नए स्टोर, मिया के 12 और एक स्टोर जोया का भी खोला है।कंपनी के घड़ी और वीयरेबल्स बिजनेस की भी इनकम में अच्छी बढ़त रही, जो 19.41 प्रतिशत बढ़कर 1,304 करोड़ रुपए तक पहुंची। टाइटन और हीलियोस ब्रांड्स की सेल्स बेहतर रही, लेकिन वीयरेबल्स बिजनेस में 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसकी वजह कंपनी के प्रोडक्ट्स की एवरेज सेलिंग प्राइस में गिरावट और कम स्टोर विजिट को बताया जा रहा है।
महंगाई का सीधा असर खर्च पर, टाइटन को भी झेलनी पड़ी मार
टाइटन के खर्च बढ़ने की मुख्य वजह महंगाई है। महंगाई ने लोगों की खर्च करने की क्षमता को प्रभावित किया है, जिससे कई प्रीमियम प्रोडक्ट्स की डिमांड में गिरावट आई है। टाइटन का बिजनेस उन सेगमेंट्स में आता है, जहां लोग अतिरिक्त पैसे होने पर खर्च करते हैं, जैसे ज्वैलरी, घड़ियाँ, और प्रीमियम एक्सेसरीज। लेकिन बढ़ती महंगाई के कारण लोगों की खर्च करने की क्षमता कम हो रही है, जिससे टाइटन जैसी बड़ी कंपनियों के मुनाफे में भी गिरावट देखने को मिल रही है।
नतीजा: महंगाई के प्रभाव से आम लोगों के साथ बड़े उद्योग भी प्रभावित
महंगाई ने इस समय आम जनता से लेकर बड़े कारोबारियों को समान रूप से परेशान किया है। जहां एक ओर आम लोगों की जेबों पर इसका भार बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर टाटा जैसे बड़े समूह भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। टाइटन के मुनाफे में आई गिरावट इस बात का सबूत है कि महंगाई का प्रभाव व्यवसायों पर भी पड़ रहा है। जब तक महंगाई नियंत्रित नहीं होती, तब तक इनसे जुड़े उद्योगों और आम आदमी की चुनौतियां कम होती नजर नहीं आ रही हैं।