विदेश / इस्लामिक स्टेट ने ली सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर 6 रॉकेट्स दागने की ज़िम्मेदारी

इस्लामिक स्टेट ने सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर हुए रॉकेट हमले की ज़िम्मेदारी ली है। रॉयटर्स के अनुसार आई.एस. के नैशर न्यूज़ ने कहा, "अल्लाह की कृपा से खलीफा के सैनिकों ने काबुल एयरपोर्ट पर 6 कत्युशा रॉकेट दागे।" गौरतलब है कि अमेरिकी ऐंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने एयरपोर्ट पर दागे गए 5 रॉकेट्स को इंटरसेप्ट कर लिया था।

Vikrant Shekhawat : Aug 31, 2021, 08:56 AM
वॉशिंगटन: काबुल एयरपोर्ट के पास सोमवार को हुए रॉकेट हमले की जिम्मेदारी खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है। इससे पहले भी इस्लामिक स्टेट ने एयरपोर्ट पर हजारों की भीड़ के बीच आत्मघाती हमला कराया था, जिसमें सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इनमें 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल थे। तब से अब तक यह दूसरा बड़ा अटैक है, जिसकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। इस्लामिक स्टेट से जुड़े नाशेर न्यूज ने टेलीग्राम चैनल पर हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकी समूह का कहना है कि खिलाफत के लड़ाकों ने 6 रॉकेट्स के जरिए काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अटैक किया था। अमेरिकी एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इनमें से 5 रॉकेट्स को इंटरसेप्ट किया था। 

इस बीच तालिबान का कहना है कि अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से पूरी तरह वापसी होने के साथ ही देश में इस्लामिक स्टेट के हमले रुक जाएंगे। वहीं अमेरिका ने इसे लेकर तालिबान पर निशाना साधा है। अमेरिका का कहना है कि तालिबान को अपनी प्रतिबद्धता का पालन करना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को कहा कि वॉशिंगटन यह उम्मीद करता है कि तालिबान अपनी ओर से किए गए वादों पर खरा उतरेगा। अमेरिकी प्रवक्ता का यह बयान तालिबान के उस बयान के बाद सामने आया है, जिसमें उसने कहा था कि हम चाहते हैं कि काबुल में अमेरिका की राजनयिक उपस्थिति बनी रहे। 

इस पर नेड प्राइस ने कहा, 'हमने तालिबान की ओर से कई बयान सुने हैं। इनमें से कई बयान सकारात्मक हैं और कई बयानों में उसने कुछ बेहतर करने की बात कही है, लेकिन अंत में हम उसके कामों को देखना चाहते हैं, बातों को नहीं।' इसके अलावा उन्होंने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में हक्कानी नेटवर्क से कोई बात नहीं कर रहा है। दरअसल अमेरिका ने हक्कानी ग्रुप को 2012 में आतंकी समूह की सूची में डाला था और अब वह अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने के बाद सत्ता का हिस्सा बन गया है। यही नहीं एक बार फिर से अमेरिका ने दोहराया है कि 31 अगस्त को उसके सैनिक अफगानिस्तान से पूरी तरह से लौट आएंगे।